मुरादाबाद: अमेरिका-ईरान के बीच हाल में ही उपजे तनाव के बाद जहां शांति नजर आ रहीं है. वहीं खाड़ी देशों में कारोबार कर रहे कारोबारी भविष्य को लेकर शंकित नजर आ रहे हैं. पीतलनगरी मुरादाबाद से हर साल खाड़ी देशों में पच्चीस सौ करोड़ रुपये का हस्तशिल्प उत्पाद निर्यात किया जाता है. हालिया तनाव के बाद जहां निर्यातक भुगतान को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं.
खाड़ी देशों में कारोबारी में ऑर्डर रद्द होने का डर. वहीं ऑर्डर रद्द होने और युद्ध के हालात में उत्पादों को नुकसान पहुंचने की आशंका से भी सहमे हैं. निर्यातकों के लिए एक बार फिर भारत सरकार द्वारा संचालित भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम उम्मीद नजर आ रहा है. खाड़ी देशों में उत्पाद भेजने से पहले निर्यातक अपने पेमेंट का बीमा करवा रहे हैं, जिसके चलते नुकसान होने पर निर्यातकों को भारत सरकार भुगतान करेगी.
ऑर्डर रद्द होने से सहमें कारोबारी
अमेरिका- ईरान तनाव के चलते पीतलनगरी मुरादाबाद में कारोबारी सन्नाटा पसरा हुआ है. यूरोप और अमेरिका के क्रिसमस ऑर्डर भेजने के बाद निर्यातकों के पास यह समय ईरान और अन्य खाड़ी देशों से ऑर्डर लेने का होता है. ईरान में कुछ महीने बाद नए साल की शुरुआत होती है, जिसके लिए हर साल पांच सौ करोड़ के ऑर्डर मुरादाबाद से बुक होते हैं.
खाड़ी देशों में यह आंकड़ा पच्चीस सौ करोड़ रुपये तक का है. हालिया उपजे तनाव के बाद निर्यातक ऑर्डर रद्द होने और पेमेंट न मिलने की आशंका जता रहे हैं. ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम से निर्यातक उत्पाद भेजने से पहले पेमेंट का बीमा करवा रहें हैं ताकि नुकसान की सूरत में उन्हें सरकार मदद करें.
सरकार देगी भुगतान
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी जनपदों के लिए निगम का कार्यालय मुरादाबाद में खुला है, जहां विदेशों में कारोबार करने वाले निर्यातक आसानी से अपने उत्पाद और भुगतान का बीमा करवा सकते हैं. अमेरिका-ईरान तनाव के बाद निर्यातक बड़ी संख्या में निगम के कार्यालय पहुंचकर भुगतान का बीमा करवा रहे हैं. ईसीजीसी अधिकारियों के मुताबिक कई निर्यातक शिपमेंट रुकवाकर बीमा करवाने पहुंच रहें है. इससे पहले चीन के साथ डोकलाम विवाद के दौरान भी चीज में उत्पाद भेजने वाले निर्यातकों ने बड़े पैमाने पर बीमा कवर लिया था.
देश में काम करने वाली सभी बीमा कम्पनियां वित्त मंत्रालय के अधीन काम करती है, लेकिन भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम वाणिज्य मंत्रालय के अधीन है. ग्राहकों के द्वारा धोखाधड़ी हो या फिर राजनैतिक संकट दोनों ही स्थितियों यह निर्यातकों को सहारा देता है. युद्ध के हालात में निर्यातक भी बगैर किसी जोखिम के कारोबार करना चाहते हैं. लिहाजा सबकी नजरें इस विशेष बीमा कवर को लेने पर लगी है.
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