मुरादाबाद: जिले के कृषि शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में ट्रायल के तौर पर एक बीघा जमीन में काला धान लगाया गया है. महज तीन महीने में तैयार होने वाली धान की यह फसल किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मौसम में इसकी पैदावार और लागत देखने के लिए इसको अभी ट्रायल के तौर पर लगाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक अभी तक के परिणाम काफी उत्साहजनक हैं. पैदावार के बाद अगले साल काले धान का बीज किसानों को वितरित किया जाएगा.
गन्ना बेल्ट के नाम से मशहूर पश्चिमी यूपी में उगाया जाने वाला चावल बाजार में 50 से 60 रुपये किलो बिकता है. जबकि काले चावल की कीमत 200 रुपये प्रति किलो से शुरू होती है. प्रभारी वैज्ञानिक दीपक मेंदीरत्ता ने बताया कि मुरादाबाद कृषि शोध एंव प्रशिक्षण केंद्र में एक बीघा जमीन में ट्रायल के तौर पर काला धान रोपा गया है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक अभी तक धान की पौध का विकास काफी अच्छा हुआ है और यह गर्मी में भी बेहतर तरीके से खुद को ढाल रहा हैं.
किसानों को वितरित किया जाएगा बीज