मुरादाबाद :जामा मस्जिद क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता के यहां एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए जयंत चौधरी ने कहा कि पंचायत चुनाव में गांव के लोग भाग लेते हैं. पंचायत चुनाव में पार्टियां अपना पार्टी सिंबल नहीं देतीं. वहीं, भाजपा किसान आंदोलन से पहले ग्राम प्रधानी तक का चुनाव अपने पार्टी सिंबल पर लड़ने की बात कह रही थी. लेकिन अब किसान आंदोलन का रुख देखते हुए ग्राम पंचायत चुनाव बिना सिंबल के लड़ने की बात कह रही है. जहां भले ही पंचायत चुनाव का आरक्षण दोबारा से लागू होगा लेकिन हमारी पार्टी से जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा, हम उसका समर्थन करेंगे.
यह भी पढ़ें :अखिलेश यादव के बाद मारपीट मामले में दो पत्रकारों पर भी मुकदमा दर्ज
विधानसभा चुनाव की जगह किसान आंदोलन को दे रहे बल
जयंत चौधरी ने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव में अभी समय है. इसलिए इसमें ध्यान लगाने की जगह हम किसान आंदोलन को प्रमुखता दे रहे हैं. किसान आंदोलन का प्रभाव आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा. कहा कि किसान आंदोलन का हल इसलिए नहीं निकल रहा क्योंकि भाजपा सरकार इसका हल नही चाहती है. भाजपा सरकार गलतफहमी पाले हुए है. वह सोचती है कि किसान इस बात को भूल जाएगा. जिस तरह भाजपा के सांसद बयान दे रहे हैं, उससे सरकार खुद घिरती दिखाई दे रही है. कहा कि किसान आंदोलन राजनीतिक मुद्दा होना ही चाहिए. खेती किसानी राजनीतिक मुद्दे की चर्चाओं में आए, पॉलिटिकल एजेंडे में शामिल हो और किसान एक होकर सभी पॉलीटिकल पार्टी और सरकारों पर अपना दबाव बनाएं. यह निश्चित तौर पर देशहित में होगा.