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मुरादाबाद की इस बेटी ने किया अपने पिता का सपना पूरा, बनी डिप्टी एसपी - Ayushi of Moradabad

मुरादाबाद की बेटी आयुषी दूसरे प्रयास में PPS की परीक्षा में सफलता हासिल कर डिप्टी एसपी बन गई. इससे परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है. आयुषी के पिता का सपना था कि उनकी बेटी आईपीएस अधिकारी बने. ऐसे में जानते है आयुषी के संघर्ष की कहानी.

मुरादाबाद
मुरादाबाद

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Published : Apr 9, 2023, 4:22 PM IST

जानकारी देते हुए आयुषी

मुरादाबाद:8 साल पहले पिता की मुरादाबाद कचहरी में गोली मारकर हत्या कर दी थी. स्वर्गीय पिता का सपना था कि मेरी बेटी आईपीएस अधिकारी बने. पिता का सपना पूरा करने के लिए मुरादाबाद की बेटी आयुषी ने दूसरे प्रयास में PPS की परीक्षा में सफलता हासिल कर डिप्टी एसपी बन गई. लेकिन आयुषी का कहना है कि पिता का सपना पूरा करने के लिए आईपीएस बनने तक प्रयास और संघर्ष जारी रहेगा. ट्रेंनिग के बाद पोस्टिंग मिलेगी तब अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्ती से काम किया जाएगा. महिला होने के नाते महिलाओं के लिए भय मुक्त वातावरण बनाने का भी प्रयास किया जाएगा.

दरअसल, मुरादाबाद के डिलारी ब्लॉक के पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा की कचहरी में पेशी के दौरान 8 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी थी. योगेंद्र का सपना था कि उसकी बेटी आयुषी आईपीएस बने, बेटी आयुषी ने पिता का सपना पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत की और दूसरे प्रयास में PPS की परीक्षा पास कर डिप्टी एसपी बन गयी. आयुषी भोजपुर थाने के हिमायुपुर गांव की रहने वाली है. पिता की हत्या के बाद पूरा परिवार मुरादाबाद के आशियाना कॉलोनी में आकर रहने लगा था. आयुषी के पिता की हत्या के समय वह 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी. बचपन से परिवार की तरफ से मुझको अच्छी शिक्षा दी गई थी.

बेटी आयुषी डिप्टी एसपी बनी

इस सफलता का श्रेय किस को देती है आयुषी
24 वर्षीय आयुषी ने 2016 में केसीएम स्कूल से 12वीं के बाद दिल्ली का रुख किया. वह बताती हैं कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 2019 में पॉलिटिकल सांइस से बीए, 2021 में पॉलिटिकल सांइस से एमए की परीक्षा पास की. इसी बीच 2020 में यूजीसी नेट की भी परीक्षा पास किया. उन्होंने दिल्ली के टेस्ट वर्ल्ड इंस्टीट्यूट से पीसीएस की तैयारी की थी. वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा गुरुजनों को देती है. सच्ची लगन और दृढ़ इच्छा शक्ति से पढ़ाई करने से सफलता अवश्य मिलती है. तैयारी के लिए 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करती थी. पहले प्रयास में असफल होने के बाद कभी हार नहीं मानी इसी का नतीजा है कि आज सफलता मिल गई.

मुरादाबाद की बेटी आयुषी

कैसे हुई थी आयुषी के पिता की हत्या
4 मार्च 2013 को छात्र नेता रिंकू चौधरी की हत्या हुई थी. इस हत्या में पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा का नाम सामने आया था. जिसकी वजह से 20 जनवरी 2014 में योगेंद्र ने कोर्ट में सरेंडर किया और उसके बाद से वह जेल में ही था. 23 फरवरी 2015 को योगेंद्र को कोर्ट में पेशी पर लाया गया. चारो तरफ पुलिसकर्मी मौजूद थे. कोर्ट के बाहर योगेंद्र बेंच पर बैठा था. तभी रिंकू चौधरी का भाई सुमित योगेंद्र के पास आया पैर छुए और गोली मार दी. योगेंद्र को तुरंत अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया.

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