मुरादाबाद: सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल देने का दावा कर रही है, लेकिन जो सच सामने आया है, उसने सरकार के दावों की पोल खोल दी है. जनपद की एक कॉलोनी में गंदा पेयजल आने की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाइप लाइन में बंदरों के शव फंसे मिलें. मामले की गंभीरता को देखते हुए जलकल विभाग ने दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है.
पेयजल पाइपों में जानवरों के अवशेष मिलने से मचा हड़कम्प पिछले दो सालों से नगर निगम पानी की टंकियों की सफाई नहीं हुई है, जिसके कारण लोग आक्रोशित है और अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहें. दरअसल, मझोला थाना क्षेत्र के धीमरी मोहल्ले में जब पेयजल के साथ जानवरों के अवशेष टोटियों से आने लगे तो लोगों ने आपत्ति जताई. जब जलकल विभाग ने पाइप लाइन खोली तो उसमें तीन बंदरों के अवशेष मिले.
विभाग ने जांच की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ. दो सालों से टंकियों ओर पाइप लाइनों की सफाई ही नहीं हुई. शहर के कई मौहल्लों में दूषित पेयजल की समस्या बनी हुई है. इस विषय में जलकल विभाग के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने भी स्वीकारा है कि पिछले दो साल से टंकियों की सफाई नहीं हुई है. सफाई न होने से जहां टंकियों में बंदरों और पक्षियों के गिरने और मरने की आशंका है, वहीं इन्हीं टंकियों का पानी पीने को लोग मजबूर हैं. जलकल विभाग की इस उदासीनता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
इस टंकी की सफाई बहुत दिनों से नहीं हुई है. इसमें 20 ले 30 कबूतर मरे पड़े होंगे और जब से यह कॉलोनी में मैं आाया हूं यहां की पाइप लाइनों की सफाई भी नहीं हुई है. सड़क बनती खुदती रहती हैं जिस कारण उनकी नालियों में छेद होते रहते हैं उसमें गंदगी भरती रहती है. नालियों की गंदगी भी घरों में पहुंच रही है इस पाइपों के माध्यम से.
-विवेक शर्मा, स्थानीय निवासी
नगर निगम मुरादाबाद द्वारा 100 प्रतिशत पेयजल की जलापूर्ति नगर निगम द्वारा की जा रही है. प्रत्येक दिन ओडी टेस्ट कराते हैं हम लोग और स्टेट हेल्थ इंस्टीट्यूट लकनऊ से भी टेस्ट कराते हैं. मासिक में उसमें हमारी रिपोर्ट बिल्कुल ठीक आई है.
-प्रमोद कुमार, जीएम जलकल विभाग