मिर्जापुर:हाथों में चकला-बेलन लिए, मिर्जापुर के दीपक गुप्ता बना रहे हैं दुनिया का सबसे छोटा और लजीज समोसा. इनका हुनर ऐसा है जिसके कारण ये अब तक कई पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं. ये एक ग्राम मैदे में 100 से ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं और इसी हुनर के कारण 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम प्राइज मिला था. ये जिले में छोटे समोसे वाले के नाम से जाने जाते हैं.
परिवार के साथ चलाते हैं दुकान
जिले में दीपक की एक मिठाई की दुकान है, जिसे वे अपने परिवार के साथ चलाते हैं. वे बताते हैं कि बचपन से ही वह बचे हुए सामानों से छोटे समोसे बनाया करते थे. वहीं उनकी शादी के बाद उनकी पत्नी को ये छोटे समोसे बहुत भाए. अपनी पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए वे ये छोटे समोसे बनाते रहे और आज वे दुनिया का सबसे छोटा समोसा बना रहे हैं.
दूर-दूर से आते हैं ग्राहक
जिले के पसरहट्टा बाजार के रहने वाले दीपक की दुकान पर दूर-दूर से लोग आकर इस छोटे वाले समोसे की दुकान पर आकर समोसा ले जाते हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह का समोसा पूरे मिर्जापुर में नहीं मिलता है. यहां तक की देसी घी वाले दुकान भी इस दुकान के आगे फीकी हो गई हैं.
छोटे से समोसे में भरे रहते हैं आलू
दीपक के इस हुनर को देखकर हर कोई हैरान है. बड़ी बात यह है कि इतने छोटे समोसे में आलू भी भरा रहता है. 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम पुरस्कार मिला था. इसके अलावा दीपक कई और जगह भी पुरस्कृत किए गए. दीपक एक ग्राम मैदे में सबसे ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. उन्हें इतने समोसे बनाने में एक घंटा लगता है. वे इसे छोटे बेलन कढ़ाई और चकले पर बनाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इतने छोटे समोसे में वह सारी खूबियां होती हैं जो कि एक बड़े समोसे में होती है. आज भी इनकी दुकान में एक रुपये का समोसा मिलता है. हालांकि कोरोना के कारण अभी ये समोसे नहीं बना पा रहे हैं.