मिर्जापुर:जिले में लॉकडाउन के चलते ईंट-भट्ठों पर फंसे काम करने वाले झारखंड के कामगारों-मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बैठाकर जिला प्रशासन ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. कुल 1640 श्रमिक मरदूरों को रवाना किया गया है, जिसमें 298 पांच वर्ष से कम के बच्चे भी शामिल हैं. जिला प्रशासन और ईंट-भट्ठा यूनियन से जुड़े पदाधिकारी ने मिलकर मजदूरों को चुनार से झारखण्ड रांची के लिए भेजा है.
लॉकडाउन में रेल, बस का संचलन बंद होने से ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले गैर प्रांतों के कामगार जिले में फंस गए. बरसात शुरू हो जाने से ईंट-भट्ठों पर अब काम भी नहीं होने से जिला प्रशासन इन्हें स्पेशल ट्रेन से घर भेज रहा है.
कामगारों की तैयार की गई सूची
जनपद के विभिन्न ईंट-भट्ठों पर मौजूद कामगारों की सूची तैयार करने के बाद जिले में झारखंड के करीब 1640 श्रमिक मिले, जिसमें 298 पांच वर्ष से कम के बच्चे शामिल हैं. गुरुवार को चुनार रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन 04134 में बैठाकर झारखंड के रांची के लिए रवाना किया गया.
कोरोना से बचाव के साथ भेजा गया घर
पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा की दृष्टि से ग्ल्वस, मॉस्क पहने हुए थर्मल स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए सभी को ट्रेन में बैठाया गया. प्रवासी श्रमिकों के विशेष ट्रेन से रवाना के दौरान स्टेशन पर अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह, उप जिला अधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह के साथ भारी मात्रा में पुलिस बल और एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड का इंतजाम किया गया था.
मालिक ने की घर जाने की व्यवस्था
वहीं झारखंड जा रहे मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते हम लोग गांव नहीं जा पाए. अब मालिक ने व्यवस्था की है. हम लोग मुफ्त में ट्रेन से घर जा रहे हैं. बता दें कि जिला प्रशासन से ईंट भट्ठा मालिकों ने मिलकर निर्णय लिया था कि सभी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जाए, क्योंकि ईट भट्ठा का काम बारिश होने के चलते बंद रहेगा. उसी के देखते हुए जिला प्रशासन ट्रेन की व्यवस्था कराकर उनके घर तक पहुंचा रहा है.