मिर्जापुर : गर्मी का मौसम शुरू होते ही जिले की मड़िहान तहसील के अंतर्गत आने वाले गांवों में पानी की किल्लत होने लगी है. यह इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है. यहां कई गांव टैंकर की पानी पर निर्भर हैं. टैंकर से पानी न मिलने के कारण मड़िहान तहसील से कोसों दूर जाकर पीने का पानी लाना पड़ता है. कई औरतें पूरे दिन इसी में लगी रहती हैं. यहां तक कि मड़िहान तहसील के पास पानी लेने पर दुकानदार भी मना करते हैं. कमाल है कि 80 के दशक से तहसील में यह हाल है. हर साल जनवरी-फरवरी के बाद पानी की किल्लत शुरू हो जाती है.
ये है हाल
जिले में मड़िहान तहसील में सबसे ज्यादा पानी की समस्या होती है. यहां जनवरी-फरवरी महीने से ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. इस बार भी जल संकट की शुरुआत हो गई है. इसका कारण भूजल स्तर का गिरना और इलाके में पीने के पानी का बंदोबस्त नहीं होना बताया जा रहा है. इलाके के कई गांव ऐसे हैं जहां मई और जून महीने में तो पीने का पानी पूरी तरह से खत्म हो जाता है. ईटीवी भारत की टीम ने देवरी कला गांव के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि गर्मी शुरू होते ही आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत होने लगती है. सप्लाई का पानी कभी-कभी आ जाता है तो काम चल जाता है. वह भी पर्याप्त नहीं रहता है. कोसों दूर पानी के लिए भटकना पड़ता है. कई लोगों का तो कहना था कि चार पीढ़ियों से पानी की समस्या देख रहे हैं.
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