मिर्जापुर: कोरोना की वजह से लॉकडाउन लागू होने के 100 दिन बाद विंध्याचल मंदिर को अब श्रद्धालुओं के लिए 29 जून से खोल दिया जाएगा. वहीं इससे पहले जिलाधिकारी सुशील पटेल और पुलिस अधीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह के साथ नोडल अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन किया. अब श्रद्धालु सोमवार से मां विध्यवासिनी के दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान इस बात का खासा ख्याल रखा जाएगा कि लोगों को WHO की गाइडलाइंस के अनुसार ही दर्शन कराए जाएं.
खुल गए मां विंध्यवासिनी के कपाट, सोमवार से करिए दर्शन
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां विध्यवासिनी का दरबार 29 जून से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. इससे पहले जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और नगर विधायक ने मंदिर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मां के दर्शन भी किए. बता दें कि लॉकडाउन की वजह से मंदिर को बंद कर दिया गया था.
कोविड-19 के चलते 20 मार्च से बन्द पड़ा मां विन्ध्यवासिनी का मंदिर 29 जून से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. इसके एक दिन पहले मां के दरबार में पहुंचे नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ,पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के साथ नोडल अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने मंदिर खोलने को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और गलियों का भी निरीक्षण किया. इस बीच प्रथम प्रवेश द्वार पहुंचकर विन्ध पण्डा समाज के अध्यक्ष, मंत्री ने गर्भगृह का ताला खोलकर सभी को प्रवेश कराया. अधिकारियों ने चरण स्पर्श न करके कटघरे के बाहर से ही मां का दर्शन किया. अधिकारियों को 100 दिनों बाद पहली बार मां का दर्शन मिला. स्थानीय लोग भी मां के दर्शन कर रहे हैं. हालांकि पूर्ण रूप से श्रद्धालुओं का प्रवेश सोमवार से होना सुनिश्चित हुआ है.
मंदिर पर पहुंचने वाले चार मार्गों में से वीआईपी गली, जयपुरिया गली, पक्का घाट और थाना गली हैं. इसमें से वीआईपी गली दर्शनार्थियों के जाने के लिए रहेगा और पक्का घाट से दर्शन-पूजन के बाद दर्शनार्थियों की निकासी की जाएगी. इसके अलावा सभी गलियों को भी निकासी के लिए इस्तेमाल करने के लिए बैरिकेटिंग की गई है. वहीं विंध्याचल मंदिर से 500 मीटर दूर पर बैरिकेटिंग कर गाड़ियों को रोका जाएगा. मंदिर पर सोशल डिस्टेंसिग के लिए सर्किल बनाया गया है. मंदिर में एक साथ सिर्फ पांच दर्शनार्थियों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी. यही व्यवस्था मंदिर पर झांकी दर्शन के लिए भी की गई है. मंदिर के गर्भगृह और झांकी तक जाने के लिए दो मार्ग बनाए गए हैं. हर जगह गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन कराया जाएगा.