मिर्जापुर: श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों की बच्चों को संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत अब श्रमिकों की 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने वाली सभी बेटियों को साइकिल दिया जा रहा है. मिर्जापुर में बुधवार को विभिन्न ब्लॉकों से आईं 85 बेटियों को साइकिल दिया गया. साइकिल पाकर लड़कियां खुश दिखीं और बोली अब हम स्कूल पैदल नहीं साइकिल से जाएंगे.
स्कूली छात्राओं को मिली साइकिल उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रमिक की दो बेटियों को स्कूल जाने के लिए साइकिल देने जाने की योजना है. श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक जो अंशदान जमा किया है. उनकी बेटी 10वीं या 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण कर चुकी हो उन्हें आगे की पढ़ाई करने के लिए साइकिल दी जा रही है, जिसकी कीमत 3500 रुपये है.
इसके लिए स्कूल में ली गई प्रवेश की शुल्क रसीद, शिक्षारत होने का प्रमाणपत्र, प्रधानाचार्य द्वारा या जिला विद्यालय निरीक्षक के द्वारा प्रमाण पत्र अभिभावक को श्रम विभाग में जमा करना होगा, तभी लाभ मिलेगा. मिर्जापुर में कुल 45,000 श्रमिक पंजीकृत हैं जो अंशदान जमा किए हैं, जिनमें से 184 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की लड़कियों को साइकिल सहायता लाभ दिए जाने की स्वीकृति मिली है.
अब तक कुल 136 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है. बुधवार को विभिन्न ब्लॉकों से पहुंचे जंगी रोड सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय में श्रमिकों की बेटियों को 85 साइकिल वितरित की गई. साइकिल पाने वाली में पहाड़ी विकासखंड, कोन विकासखंड और छानबे विकासखंड की लड़कियां शामिल हैं.
स्कूली छात्राओं को मिली साइकिल. सहायक श्रम आयुक्त आरके पाठक ने बताया कि छात्रवृत्ति दिए जाने के साथ-साथ पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों को कक्षा दसवीं और बारहवीं उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में पढ़ाई करने के लिए साइकिल दी जा रही है. इसके पीछे उद्देश्य है कि उच्च शिक्षा तक अपनी पढ़ाई यह गरीब मजदूरों की बेटियां कर सकें. दूसरा कहीं गांव-देहात में स्कूल-कॉलेज दूर हैं तो वहां आसानी से पहुंच सकें.