मिर्जापुर:यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन ऑरेंज जोन में शुरू हो गया है. जनपद के 5 केंद्रों पर कॉपियां चेक की जा रही हैं. 298779 कॉपियां जांची जानी है. सभी परीक्षा केंद्र के अंदर पहुंचने से पहले शिक्षकों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
लॉकडाउन के चलते दूसरे जिलों में फंसे शिक्षक भी कर सकते हैं कॉपियों का मूल्यांकन
मिर्जापुर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण फंसे शिक्षक भी यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन कर सकते हैं. डीआईओएस ने बताया कि शिक्षक अपना अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर कॉपियां चेक करने का कार्य कर सकते हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन रोक दिया गया था. मगर लॉकडाउन के दौरान 12 मई से एक बार फिर यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हो गया है. मूल्यांकन की पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी से निगरानी के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक कक्षाओं में जाकर निरीक्षण भी कर रहे हैं. परीक्षकों को ग्लव्स, सैनिटाइजर, मास्क उपलब्ध कराया गया है.
केंद्रों पर 298779 कॉपियों का होना है मूल्यांकन
केंद्रों पर 298779 कॉपियां जांची जानी हैं जिसके लिए लगभग 500 परीक्षक लगाए गए हैं. इनकी मॉनिटरिंग के लिए 149 डिप्टी हेड हैं. कोरोना वायरस के पहले 25617 कापियों का मूल्यांकन हो चुका हैं. पहले जिन विषयों की ज्यादा कॉपियां हैंं, उन्हें चेक किया जा रहा है. सबसे खास बात यह है कि लॉकडाउन में फंसे अन्य जिलों के शिक्षक भी कॉपियों का मूल्यांकन कर सकते हैं. उनके पास 2 वर्ष का मूल्यांकन का अनुभव और अपने प्रधानाचार्य का अनुभव प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
डीआईओएस ने दी जानकारी
डीआईओएस देवकी सिंह का कहना है कि केवल हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में फंसे परीक्षकों को ही मूल्यांकन कार्य से मुक्त रखा गया है. शेष शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में शामिल होना होगा. मूल्यांकन में शामिल नहीं होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जो अन्य जनपद से आकर लॉकडाउन में मिर्जापुर जनपद में हैं. वह शिक्षक अपना अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर कॉपियां चेक करने का कार्य कर सकते हैं.