मिर्जापुरःमिर्जापुर ट्रांसपोर्ट जगत का एक बड़ा हब है. यहां के ट्रक ज्यादातर खनन, बालू और सीमेंट के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. पत्थर गिट्टी का व्यवसाय होने के कारण यहां के अधिकतर लोग ट्रांसपोर्ट का धंधा करते हैं. इसी से उनकी रोजी-रोटी चलती है, लेकिन लगभग सालों से शास्त्री सेतु पर भारी वाहनों का आवागमन बाधित होने के कारण ट्रक मालिक परेशान चल रहे थे. इस बीच कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में ट्रक खड़े हो जाने और किश्त टूट जाने से अब ट्रक चलवाना मुश्किल हो रहा है. इसके चलते ट्रक सरेंडर कर रहे हैं या घर पर खड़े कर दिए हैं.
मिर्जापुर: ट्रक मालिक नहीं दे पा रहे किश्त, 1000 ट्रक किए सरेंडर - ट्रक मालिक नहीं दे पा रहे किश्त
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में शास्त्री सेतु पर दो वर्षों से भारी वाहन का आवागमन बंद होने से यहां के ट्रांसपोर्ट जगत को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जो कुछ बचा था वह कोरोना संक्रमण ने ट्रक मालिकों को तबाह होने के कगार पहुंचा दिया है. लॉकडाउन में ट्रक खड़े हो जाने से ट्रक मालिक किश्तें नहीं भर पा रहे हैं. जिसके चलते यहां के वाहन मालिक लगभग 1000 ट्रक सरेंडर कर चुके हैं.
![मिर्जापुर: ट्रक मालिक नहीं दे पा रहे किश्त, 1000 ट्रक किए सरेंडर मिर्जापुर में खड़े ट्रक.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9411098-395-9411098-1604384205033.jpg)
किश्त के लिए सरकार दे छूट
ट्रक मालिकों ने बताया कि यहां का मेन व्यवसाय गिट्टी-पत्थर है. हमारे ट्रक उसी में चलते हैं, लेकिन शास्त्री सेतु और कोरोना के चलते पूरी तरह से धंधा चौपट हो गया है. ट्रक जगह-जगह खड़े हैं. फाइनेंसर वाले परेशान कर रहे हैं. लोगों ने मजबूरी में कुछ ट्रकों को सरेंडर कर दिया है और कुछ के चक्के खोलकर दरवाजे पर खड़े कर दिए हैं. इक्का-दुक्का ट्रक जो बचे हैं, उसी में चक्का लगाकर काम कर रहे हैं. ट्रक मालिकों ने कहा कि सरकार किश्त के लिए छूट दे, जिससे हम लोगों को राहत मिले.