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मिर्जापुर में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, पेड़ के नीचे हो रहा मरीज का इलाज

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Published : Jan 3, 2021, 8:29 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 11:45 AM IST

नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. मिर्जापुर के सबसे पिछड़े ब्लॉक हलिया की भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है.

पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर मरीज का इलाज, किरकिरी होने पर अधिकारी दे रहे तर्क
पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर मरीज का इलाज, किरकिरी होने पर अधिकारी दे रहे तर्क

मिर्जापुरः जिले के हलिया ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बुरा है. यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर मरीजों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है. इस तरह से इलाज करने को लेकर मरीजों से लेकर परिजनों तक में नाराजगी है. वहीं पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है.

पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर मरीज का इलाज

पेड़ के नीचे किया जा रहा है इलाज
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया में मरीजों का इलाज परिसर में पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर लिटाकर किए जाने से क्षेत्रीय लोगों के साथ तीमारदारों में आक्रोश फैला है. शनिवार को इलाके के हरसड़ गांव के रहने वाले शिवशंकर कोल की पत्नी रंजना कोल ने पारिवारिक कलह के चलते विषाक्त पदार्थ खा लिया. परिजन पीएचसी लेकर आये, जहां स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला को बेहोशी में पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर ही इलाज शुरू कर दिया. डॉक्टरों ने महिला का इलाज दो घंटे तक चबूतरे पर किया. इसके बाद अस्पताल में मौजूद ग्रामीणों के साथ परिजनों ने जब आपत्ति जताई, तो स्वास्थ्यकर्मियों ने महिला को वार्ड में भर्ती कराया.

उल्टी होने की वजह से लिटाया गया बाहर
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया में आये दिन मरीजों का उपचार चबूतरे पर किया जा रहा है. इस केंद्र पर हमेशा लापरवाही की जाती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव वालों ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी अभिषेक जायसवाल ने बताया कि विषाक्त पदार्थ का सेवन करने वाली महिला को उल्टी करवाने के लिए बाहर चबूतरे पर लिटाया गया था. हालत में सुधार होने पर महिला को वार्ड में भर्ती करा दिया गया.

लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस तरह से बोतल मरीज को चढ़ाया जा रहा है, वो प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के बयान के उलट दिख रहा है. न तो मरीज उल्टी कर रही है और न ही उल्टी के लिए किसी बर्तन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे साफ होता है कि गरीबों को सरकार से मिलने वाली स्वास्थ्य विभाग की सुविधायें सही तरीके से उनको नहीं मिल पा रही हैं.

Last Updated : Jan 3, 2021, 11:45 AM IST

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