मिर्जापुरः जिले के हलिया ब्लॉक में मनरेगा के तहत लगाए जा रहे साइन बोर्ड मानक के मुताबिक नहीं लगाये जा रहे हैं. आरसीसी की जगह पटिये का इस्तेमाल किया जा रहा है. पटिया का दाम महज 5 सौ रुपये है. अधिकारी आरसीसी के दाम लगाकर तीन से पांच हजार रुपये निकाल ले रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम के कैमरे में जब साइन बोर्ड कैद होने लगे तो ब्लॉक में हड़कंप मच गया. फौरन साइन बोर्ड हटा लिये गए. डीएम ने मामले में संज्ञान लेकर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
RCC की जगह पटिये का साइन बोर्ड
मिर्जापुर के हलिया ब्लॉक में साल 2007 से 2010 के बीच में कराए गए मनरेगा के कार्यों में हुए करोड़ों के घोटाले की खबर पूरे देश में चर्चा का विषय बना था, ब्लॉक को पूरा देश जान गया था. मनरेगा कार्यों की जांच सीबीआई टीम कई बार आकर फाइलें खंगाल कर चली जा रही है अभी जांच पूरी नहीं हुई है. इस बीच मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों के लिए लगाए जा रहे साइन बोर्ड मानक के अनुसार नहीं लगाए जा रहे हैं. सरकार के विपरीत काम कराया जा रहा है. साइन बोर्ड आरसीसी की होनी चाहिए. लेकिन उसके जगह पूरे विकासखंड में पटिया लगाया जा रहा है. पटिया का दाम महक 500 बताया जा रहा है. जबकि आरसीसी के दाम के बराबर यानी 3 से 5 हजार रुपए प्रति साइन बोर्ड पैसा निकाल लिया जा रहा है. कई जगह एक काम के लिए दो साइन बोर्ड का पैसा निकाला गया है. कई जगह तो काम कहीं हुआ है और साइन बोर्ड कहीं और लगा दिया गया है.
जिले का सबसे पिछड़ा ब्लॉक हलिया
मिर्जापुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित जिले का सबसे पिछड़े हलिया ब्लॉक में मनरेगा में घोटाला जारी है. 136 साइन बोर्ड का भुगतान कर दिया गया है. इस सत्र में लगभग 2000 साइन बोर्ड लगाने का लक्ष्य रखा गया है. एक साइन बोर्ड की कीमत 3000 से लेकर 5000 सरकारी खर्च में दिखाया जा रहा है. जबकि पटिया महज 500 की है.
स्वयं सहायता समूह बना रही है साइन बोर्ड
उज्जवला आजीविका महिला सेवा सहायता समूह भटवारी पुराना एक समूह है. ब्लॉक के अधिकारियों ने अपने फायदे के लिए समूह का नया टीन नंबर रजिस्ट्रेशन करा कर कानपुर से अपने चहेतों को बुलाकर काम कराया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह के महिलाओं की सहायता कर रहे मानिक चंद ने बताया कि पत्थर अहरौरा से मंगाया जा रहा है. यहां पर पेंटिंग कराकर ग्राम पंचायतों में भेजा जा रहा है मगर हमें रेट नहीं पता है कितने का आ रहा है और कितने का जा रहा है. कुल मिलाकर 400 पटिया यहां से जा चुका है, 400 पटिया यहां पर अभी रखा है, आगे अभी और जाएगा.