मिर्जापुर :जनपद की ग्रामीण महिलाएं कुकिंग गैस (Cooking Gas) महंगी होने से चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं. कोरोना के चलते रोजगार न होने से आर्थिक तंगी का सामना अलग से करना पड़ रहा है. बारिश का मौसम होने के चलते गीली लकड़ी से खाना बनाना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) के तहत ग्रामीण महिलाओं को गैस कनेक्शन बांटे गए थे. सरकार की सोच थी कि उन्हें धुएं से आजादी मिलेगी, लेकिन हाल यह है कि गैस सिलेंडर घर के कोने में धूल फांक रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं सिटी ब्लॉक के रायपुर पोख्ता गांव की महिलाओं की, जिन्होंने एक बार फिर से चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया है. कोरोना के चलते इनकी आर्थिक स्थिति खराब होती चली जा रही है. महंगाई इतनी है कि इनको लकड़ी भी अब महंगी लग रही है. बरसात में गीली लकड़ी पर खाना बनाना मुश्किल हो रहा है. पिछले वर्ष लॉकडाउन में इन महिलाओं के खाते में 500 रुपये गैस भराने के लिए आए थे, मगर इसके बाद से ये महिलाएं गैस नहीं भरा पाई हैं. इस बार भी महिलाएं सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं.
दिए गए दो लाख 25 हजार कनेक्शन
मिर्जापुर जिले में उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत लगभग दो लाख 25 हजार कनेक्शन दिए गए थे. लोगों में योजना को लेकर खासकर ग्रामीण महिलाओं में ज्यादा उत्साह नजर आया था और कुछ दिन गैस पर महिलाओं ने खाना भी बनाया था, लेकिन महंगाई की वजह से उज्ज्वला योजना का सिलेंडर और चूल्हा अब घर के एक कोने में रख दिए गए हैं ,जो शोपीस बनकर रह गए हैं. महिलाएं फिर से मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से खाना बनाने को मजबूर हो गई हैं.
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