मिर्जापुर: बैंक के बारे में तो सभी जानते हैं कि यहां पैसा जमा होता है और पैसा निकाला जाता है. मगर आज हम आपको जिले के विंध्याचल स्थित एक ऐसे अनोखे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पैसा रुपया नहीं बल्कि राम नाम जमा होता है. यहां 2014 से 'प्रभु श्रीराम बैंक' के नाम से बैंक चल रहा है. इस बैंक में राम-राम लिखने के लिए नि:शुल्क पुस्तक दी जाती है. स्थानीयों के साथ ही दूरदराज और अन्य प्रांतों के तमाम भक्त इस बैंक में राम नाम लिखकर इस पुस्तक को जमा करते हैं. अब तक यहां एक लाख से ज्यादा लोग राम नाम का खजाना जमा कर चुके हैं. एक कॉपी में 11,000 बार प्रभु का नाम लिखा जाता है.
प्रभु श्री राम बैंक में जमा होता है राम नाम राम नाम का खजाना जमा करता है बैंक
धर्मनगरी विंध्याचल में एक अनोखा बैंक स्थापित है, जहां पर राम नाम जमा होता है. 2014 में राम नवमी के दिन से 'प्रभु श्री राम बैंक' नाम से चल रहे इस बैंक में 125 से ज्यादा रामनाम रूपी धन जमा हो चुका है. इसमें कोई भी व्यक्ति राम नाम लिखकर जमा कर सकता है. यहां उन्हें कॉपी पेन नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है. एक कॉपी में 11,000 राम नाम लिखा जाता है.
मां विंध्यवासिनी तीर्थ स्थल होने के कारण यह देश भर में आस्था का केंद्र है. हर वर्ष पड़ने वाली दो नवरात्रि में यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा प्रतिदिन मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन करने देश भर के लोग पहुंचते हैं. यहां से लोग कापियां अपने साथ ले जाते हैं और राम नाम लिखकर दोबारा वापस आते हैं तो इस बैंक में जमा कर देते हैं या फिर डाक के द्वारा भी कॉपी को इस बैंक में जमा करा देते हैं. इस बैंक में हिंदी, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी के अलावा और कई भाषाओं में राम नाम के खजाना जमा है. यहां सिर्फ हिंदू ही नहीं मुसलमान भी बैंक से पुस्तक लेकर राम रूपी धन लिखकर भागी बन रहे हैं. वाराणसी के कई मुस्लिम हैं, जो यहां पर आकर कॉपी में राम नाम लिखते हैं, इसके बाद यहां लाकर जमा कर देते हैं.
विभिन्न भाषाओं में जमा किए जाते हैं नाम
बैंक की स्थापना करने वाले महेंद्र पांडे ने बताया कि यह बैंक 2014 से निरंतर चल रहा है. सभी भक्तों को नि:शुल्क कॉपी पेन उपलब्ध कराया जाता है. महेन्द्र पांडे ने बताया कि विभिन्न भाषाओं में राम नाम जमा हो रहे हैं. बैंक में जो कुछ भी है वह राम को समर्पित है. उन्होंने बताया कि मां विंध्यवासिनी धाम में झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसी तमाम जगहों से आकर लोग राम नाम लिखने के लिए ले जाते हैं, फिर लाकर इस बैंक में जमा कर देते हैं या नहीं पहुंचने पर डाक द्वारा भेज देते हैं. महेन्द्र पांडे ने बताया कि अभी तक इस बैंक में सवा लाख तक राम नाम का खजाना जमा हो चुका है और यह बैंक निरंतर चलता रहेगा.