मिर्जापुर: पाकिस्तान की जेल में सजा काटने के बाद 11 साल बाद पुनवासी मंगलवार को घर वापस आ गया. पुनवासी को बहन और जीजा ने अमृतसर पंजाब से भरुहना अपने पैतृक घर लेकर आए. घर पहुंचने से पहले पुलिस लाइन में प्रभारी डीएम अविनाश सिंह और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने पुनवासी को मिठाई खिलाकर और गुलदस्ता देकर स्वागत किया. बताया जा रहा पुनवासी 11 साल पहले साल 2009 में राजस्थान के रास्ते भटक कर पाकिस्तान चला गया था. दो साल पहले पाकिस्तान की सरकार ने मानसिक रूप से कमजोर हो चुके पुनवासी को अधूरे नाम पते की जानकारी भारत सरकार को भेजी, तो कड़ी मशक्कत के बाद एलआईयू ने इसे खोज निकाला.
मिर्जापुर पहुंचने पर पुनवासी का स्वागत पाकिस्तान जेल से पैतृक घर पहुंचने पर स्वागत
पाकिस्तान की जेल में 11 साल की सजा काटने के बाद मंगलवार पुनवासी अपने मातृभूमि लौटा तो उसका फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया. पुलिस लाइन में घर वापसी पर प्रभारी जिलाधिकारी अविनाश सिंह, एसपी अजय कुमार सिंह ने पुनवासी का माला पहनाकर स्वागत किया. 17 नवंबर को पाकिस्तान से रिहा हुए पुनवासी को अमृतसर हेल्थ केयर सेंटर में रखा गया था. एक जनवरी को बहन और जीजा वहां पहुंचे. जहां सरकारी मदद से अस्पताल से 5 जनवरी को मिर्जापुर लेकर आए.
अधिकारियों ने किया स्वागत 2009 में पाकिस्तान पहुंचा था पुनवासी
मिर्जापुर देहात कोतवाली के भरुहना गांव के रहने वाले पुनवासी मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण घर से भटक कर जोधपुर पहुंच गये थे. इसके बाद भारत और पाकिस्तान की सीमा पार कर 9 मई 2009 को पाकिस्तान पहुंच गया. बिना वीजा के कारण पाकिस्तान के नौलखा लाहौर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. तब से पुनवासी पाकिस्तान की जेल में बंद था. पुनवासी के घर का पता नहीं चलने के कारण उसकी वापसी में समय लग रहा था. पुनवासी की वापसी के लिए 5 साल पहले जिलाधिकारी वाराणसी को भारत सरकार से एक पत्र आया. जिसमें वाराणसी से 40 किलोमीटर दूर पुनवासी के घर का पता लगाने के लिए कहा गया. पता स्पष्ट नहीं होने के चलते कोई जानकारी पुनवासी के बारे में नहीं पाई थी.
अमृतसर से वापस लेकर लौटी पुलिस दोबारा छानबीन में पुनवासी का मिला पता
दूसरी बार 6 फरवरी 2019 को डीएम सहारनपुर, मिर्जापुर और हापुड़ को पुनवासी की नागरिकता छानबीन के लिए शासन ने पत्र लिखा. एक बार फिर पुनवासी के घर की तलाश शुरू हुई. जिसमें मिर्जापुर एलआईयू ने 1 अक्टूबर 2020 को पुनवासी के घर का पता लगाया. इसके बाद पुनवासी कि पाकिस्तान से वापसी के लिए भारत सरकार को पत्र भेजा गया. भारत सरकार के प्रयास से 17 नवंबर 2020 को पाकिस्तान ने पुनवासी को बीएसएफ पंजाब को अटारी बॉर्डर पर सौंप दिया.
11 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद था पुनवासी करीब दो महीने हेल्थ केयर सेंटर में था पुनवासी
पाकिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद पुनवासी 17 नवंबर 2020 से लेकर 3 जनवरी तक पंजाब अमृतसर हेल्थ केयर सेंटर में क्वारंटाइन था. 4 जनवरी को बहन और बहनोई ने एक सिपाही के साथ बेगमपुरा एक्सप्रेस ट्रेन से वाराणसी 5 जनवरी को लेकर पहुंचे. जिसके बाद पुनवासी को वाराणसी से बस से मिर्जापुर लाया गया. इस दौरान प्रभारी डीएम अविनाश सिंह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर पुनवासी की हर तरह से मदद की जाएगी, उन्हें आवास से लेकर जॉब तक मुहैया कराया जाएगा.
गरीब परिवार का है पुनवासी
पुनवासी का परिवार बेहद गरीब है. घर में अब बहन के अलावा कोई भी नहीं बचा है. जानकारी के अनुसार पुनवासी 6 भाई थे. जिसमें चार की मौत हो चुकी है. जबकि एक भाई पहले से ही लापता है. पुनवासी के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है.
शादी के बाद घर से लापता हुआ था पुनवासी
पुनवासी अपनी शादी के तीन महीने बाद ही लापता हो गया था. अब पुनवासी के घर वापसी से बहन काफी खुश है. पुनवासी की बहन ने बताया कि उसकी शादी के बाद गौना नहीं हुआ था. इसके बाद वह अचानक लापता हो गया. बहुत खोजबीन करने के बाद कहीं पता नहीं चला, तो किसी अनहोनी की आशंका होने लगी. 11 साल बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि पुनवासी पाकिस्तान की जेल में बंद है. जिसके बाद एक बार फिर से पुनवासी के दोबारा घर लौटने की उम्मीद जगी थी.