मिर्जापुर:कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते कुम्हारों की मेहनत पर पानी फिरने लगा है. गर्मी बढ़ने के बाद घरों के सामने हर साल की तरह इस साल भी मिट्टी के मटकों की दुकानें सज गई हैं. कुम्हारों को उम्मीद थी कि इस गर्मी में मटकों की बिक्री होगी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कुम्हारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. पिछले साल अप्रैल माह में गर्मी के शुरू होते ही घड़े और मटकों की बिक्री शुरू हो गई थी, लेकिन इस बार मई महीना शुरू हो गया है और ग्राहक देखने को नहीं मिल रहे हैं.
मायूस बैठे हैं कुम्हार
शहर के महुवरिया में घरों के सामने हर साल की तरह इस साल भी मिट्टी के घड़े, सुराही और मटकों की दुकानें सज गई हैं. कुम्हारों को उम्मीद थी कि गर्मी शुरू होते ही मटकों की बिक्री होगी, लेकिन लॉकडाउन कारण बाजार में सन्नाटा है. कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तन तैयार हैं. बस अब लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है. सुबह से शाम तक मटके के पास इसी तरह बैठे रहते हैं, लेकिन कोई ग्राहक नहीं आता है. ऐसी ही हालात रही तो आने वाले समय में हम लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे. कुम्हारों का कहना है कि हम लोगों का यही एक रोजगार है, जिससे परिवार चलता है.