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मिर्जापुर: विंध्यवासिनी मंदिर में पुलिसकर्मियों की दबंगई, श्रद्धालु को जमकर पीटा - viral video of vindhyavasini temple

मां विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए लाइन में लगे प्रयागराज के निवासी आनंद सिंह की पुलिस ने पिटाई कर दी. इसमें आनंद सिंह सहित उनके परिवार के 5 लोग घायल हो गए. वहीं पुलिस के रवैये से नाराज श्रद्धालु आनंद सिंह मंदिर परिसर में परिवार साथ धरने पर बैठ गए.

परिवार संग धरने पर बैठे श्रद्धालु आनंद सिंह.
परिवार संग धरने पर बैठे श्रद्धालु आनंद सिंह.

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Published : Oct 5, 2020, 5:50 AM IST

मिर्जापुर: विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए आये श्रद्धालुओं की पुलिस ने पिटाई कर दी. दर्शन के लिए लाइन में लगे परिवार की पुलिस ने पिटाई कर दी. इसमें 5 लोग घायल हो गए. वहीं पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी वायरल हो रहा है. श्रद्धालु आनंद सिंह ने पुलिस वालों पर मारपीट कर मोबाइल छीनने का आरोप लगाते हुए मंदिर परिसर में परिवार सहित धरने पर बैठ गए हैं.

वायरल वीडियो.

दरअसल, प्रयागराज करछना के रहने वाले श्रद्धालु आनंद सिंह महाराष्ट्र के पूणे में निजी सिक्योरिटी गार्ड के अधिकारी है. रविवार को वे अपने परिवार के साथ मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने विंध्याचल आए थे.

सुबह गंगा स्नान करने के बाद मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के लिए आनंद सिंह अपने परिवार के साथ मंदिर परिसर में लाइन में लगे थे. आनंद सिंह ने बताया कि मंदिर के गेट केपास पहुंचने पर वहां तैनात एक सिपाही ने उनकी मां को धक्का मारकर मंदिर से बाहर कर दिया. इससे उनकी मां घायल हो गई. धक्के के विरोध को लेकर पुलिस वालों से आनंद सिंह की बहस हो गई और पुलिस वालों ने आनंद सिंह की पिटाई कर दी. इस दौरान बीच-बचाव में आए आनंद सिंह के परिवार के 5 सदस्य घायल हो गए.

आनंद सिंह का आरोप है कि मारपीट के दौरान पुलिस वालों ने उनका और उनकी पत्नी का मोबाइल छीन लिया और जब मोबाइल मांगने लगे तो उनकी पिटाई कर दी. इससे नाराज आनंद सिंह मंदिर परिसर में ही धरने पर बैठ गए और उनकी मांग है कि जब तक उनकी मां से आरोपी पुलिस वाला माफी नहीं मांगता और दोनों मोबाइल नहीं मिल जाते. तब तक आनंद सिंह धरने पर बैठे रहेंगे.

वहीं पंडा समाज के लिए पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते कहा कि मंदिर में सभी श्रद्धालु बराबर हैं और सभी का मंदिर परिसर में सम्मान होना चाहिए.

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