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लचर हेल्थ सिस्टम: नहीं आई एंबुलेंस, 'खटिया की डोली' में अस्पताल पहुंचा मरीज - खटिया की डोली पर मरीज

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सरकार के दावों और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल रहा है. यहां के लालगंज थाना क्षेत्र में एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक मरीज को उसके परिजनों ने खटिया की डोली बनाकर और 8 किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान उनकी किसी ने कोई मदद नहीं की. पढ़ें पूरी खबर...

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खटिया की डोली पर मरीज.

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Published : Jun 12, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Jun 13, 2021, 9:09 AM IST

मिर्जापुर : स्वास्थ्य सेवा (Health Service) पर सरकार (government) भले ही करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष खर्च कर रही हो, मगर ग्रामीण इलाके में यह सिफर ही साबित हो रही है. स्वास्थ्य सेवा मिलना तो दूर एंबुलेंस (Ambulance) तक मरीजों को नसीब नहीं हो पा रही है. हम बात कर रहे हैं लालगंज थाना क्षेत्र के तिलांव गांव (Tilaon Village) का, जहां एक गंभीर मरीज को उपचार के लिए परिजनों ने खटिया की डोली (Khatiya Ki Doli) बनाकर आठ किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया. इस परिवार के सामने आई मुसीबत का न तो गांव के नवनिर्वाचित प्रधान ने संज्ञान लिया और न ही पुलिस-प्रशासन ने.

खटिया की डोली पर मरीज.

क्या है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि तिलांव गांव के सत्तू मुसहर को शुक्रवार को पेट में दर्द (Pain in Stomach) हुआ. दर्द बढ़ता गया. इससे चिंतिन परिजनों ने सत्तू की जान बचाने के लिए परिजनों ने खटिया (चारपाई) की डोली बनाकर कड़ी धूप में आठ किलोमीटर दूर लालगंज अस्पताल (Lalganj Hospital) तक लेकर चल दिए, मगर मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी. इसको देखते हुए परिजनों ने रास्ते में मरीज को झोलाछाप डॉक्टर के यहां पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है.

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सुविधाओं से है कोसों दूर

पूछने पर सत्तू मुसहर के परिजनों ने बताया कि हम लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं है और न ही किसी ने एंबुलेंस के लिए फोन किया. हम लोगों को यह भी पता नहीं कि एंबुलेंस फ्री में मिलता हैं. बता दें कि आठ किलोमीटर की दूरी नापने वाले इन परिजनों की रास्ते में किसी ने कोई मदद नहीं की और न ही किसी अधिकारी और कर्मचारी ने इनको रोका.

पैदल ही मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन.

खबर के बाद जागा प्रशासन

तिलांव गांव के बीमार सत्तु मुसहर को चारपाई से अस्पताल पहुंचाये जाने की खबर प्रकाशित होते ही जिला प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया. खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने तिलांव गांव में एसडीएम लालगंज अमित कुमार शुक्ला को भेजा. एसडीएम के साथ इलाके के कानूनगो और लेखपाल भी पहुंचे. वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी पीडी गुप्ता के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज के डॉक्टरों की टीम मुसहर बस्ती पहुंचकर सत्तु के परिजनों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

'बेटा चलाता है मोबाइल'

सत्तु ने बताया कि उसके पास मोबाइल नहीं है, लेकिन उसका बेटा मोबाइल चलाता है, लेकिन वह उस समय नहीं था. हालांकि इस मामले में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि बीमार सत्तु द्वारा फोन करके एंबुलेंस को जानकारी नहीं दी गई थी. फोन करके एंबुलेंस की मांग करते तो उन्हें एंबुलेंस जरूर हमारे द्वारा उपलब्ध कराई जाती. मौके पर एसडीएम को भेजा था. स्वास्थ विभाग की टीम भी मौके पर गई थी, सभी ने उनसे पूछा तो उन्होंने फोन से जानकारी देने से इनकार किया.

अधिकारियों की गाड़ी की आवाज सुनकर लोग हैरान

मुसहर बस्ती में शनिवार सुबह अचानक अधिकारियों की गाड़ियों की आवाज सुन लोग हैरान परेशान हो गए. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ये सभी गाड़ियां यहां क्यों आ रही हैं. जब एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने उनका हालचाल पूछा तो उन्हें राहत मिली. बस्ती के लोगों ने बताया कि इस बस्ती में पहली बार साहब लोग आए. यहां तो अभी तक कोई अधिकारी आते ही नहीं हैं तो हम लोगों का दुख-दर्द समस्या क्या जानें. यहां तो हम लोगों की समस्या पूछने वाला कोई नहीं है. हमारे पास जगह-जमीन भी नहीं है.

Last Updated : Jun 13, 2021, 9:09 AM IST

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