मिर्जापुर: जिले के जमालपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय शिऊर में बच्चों को मिड-डे-मील में नमक रोटी खिलाए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस भेजते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव से चार सप्ताह के अंदर इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही प्रदेश में मिड-डे-मील योजना किस हाल में चल रही है, इसको लेकर भी रिपोर्ट तलब किया है.
जमालपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय शिऊर में बच्चों को 22 अगस्त को मिड-डे-मील में नमक रोटी परोसे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद मीडिया में खबर चलने के बाद जनपद से लेकर पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा गया. इस मामले में प्रदेश सरकार ने एबीएसए को निलंबित कर दिया था और बीएसए को स्थानांतरण कर दिया था.
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इसके पहले मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए ने तत्काल प्रभारी शिक्षक को और एनपीआरसी को निलंबित कर दिया था. साथ ही ग्राम प्रधान के इस योजना में भूमिका को लेकर जांच का आदेश डीपीआरओ को दे दिया गया था. कई दिनों से स्कूल न आने वाली शिक्षिका को भी बर्खास्त कर दिया गया था.
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इसी मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः नोटिस जारी किया है. 26 अगस्त को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को यह नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा है कि मामले में विस्तृत रिपोर्ट चार सप्ताह के अंदर दे. साथ ही कहा है कि मिड-डे-मील स्कीम के तहत राज्य में प्राथमिक विद्यालय में खाने की गुणवत्ता की स्थिति क्या है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नोटिस के बाद जनपद में चल रहे प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील को लेकर शिक्षक और अधिकारी अभियान के रूप में हर विद्यालय में जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं.