मिर्जापुर: अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल और यूपी सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर पटेल की राजनीतिक लड़ाई अब खुलकर सामने आनी शुरू हो गयी है. इसकी शुरुआत 17 अक्टूबर को करोड़ों रुपये की परियोजना जल जीवन मिशन के शिलान्यास को लेकर हुई. इस शिलान्यास कार्यक्रम में अनुप्रिया पटेल ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सवाल उठाए थे. उन्होंने पूछा था कि करोड़ों रुपये की जल जीवन मिशन परियोजना के शिलान्यास की सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई. वहीं अब अनुप्रिया ने डीएम को पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय की बिजली काटे जाने के संबंध में सवाल पूछा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि आखिर इस विद्यालय की बिजली क्यों और किसके दबाव में काट दी गई. बता दें इस केंद्रीय विद्यालय को लाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अहम योगदान है.
कहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, 17 अक्टूबर को अदलहाट इलाके के गोठौरा गांव में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने करोड़ों की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल और स्वच्छता मिशन के अंतर्गत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयंत्र) का विधिवत भूमि पूजन कर शिलान्यास किया था. इस शिलान्यास कार्यक्रम पर सांसद अनुप्रिया पटेल ने जिला प्रशासन से नाराजगी दिखाते हुए आपत्ति जताई. उन्होंने डीएम सुशील कुमार पटेल को पत्र लिखकर पूछा कि इस कार्यक्रम की उन्हें सूचना क्यों नहीं दी गई. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी पूछा कि इसमें राज्यसभा सांसद और विधायकों को क्यों नहीं बुलाया गया. उन्होंने पूछा कि यह कार्यक्रम सरकारी था या गैरसरकारी यह भी स्पष्ट नहीं है. अनुप्रिया पटेल ने लिखा कि इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री या यूपी के जल मंत्री के हाथों होना चाहिए था. अनुप्रिया ने डीएम से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए शासन की परमिशन ली थी.
पत्र सामने आने के बाद जिला अधिकारी ने कहा कि अभी तक जल जीवन मिशन परियोजना का कोई शिलान्यास नहीं हुआ है. शासन के निर्देश पर जल्द किया जाएगा. लेटर के बाद जिला प्रशासन ने 17 अक्टूबर को शिलान्यास के तहत जो शिलापट्ट लगवाया गया था, उसको आनन-फानन में रातों-रात 19 अक्टूबर को हटवा दिया. इसके बाद सांसद अनुप्रिया पटेल ने दोबारा पत्र लिखकर पूछा कि जब कोई शिलान्यास नहीं हुआ था तो शिलापट्ट क्यों हटाया गया.