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पुनवासी का हाल-चाल जानने पहुंचीं सांसद, हरसंभव मदद का भरोसा - punwasi heath

11 साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहने के बाद मिर्जापुर पहुंचे पुनवासी का हाल चाल जानने सांसद अनुप्रिया पटेल उनके घर पहुंची. जहां अनुप्रिया पटेल ने न सिर्फ पुनवासी का हाल-चाल जाना, बल्कि उनकी मदद भी की.

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पुनवासी से मिलने पहुंचीं सांसद अनुप्रिया पटेल

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Published : Jan 10, 2021, 8:42 PM IST

मिर्जापुर: पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद 11 साल बाद लौटे पुनवासी से रविवार को सांसद अनुप्रिया पटेल ने घर जाकर मुलाकात किया. सांसद ने अनुप्रिया पटेल फाउंडेशन की ओर से पुनवासी को कपड़े और राशन दिए. पुनवासी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. जिसे देखते हुए सांसद ने सीएमओ को फोन कर स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम घर भेजने का निर्देश दिया.

पुनवासी के घर अनुप्रिया पटेल
देहात कोतवाली के भरूहना गांव के रहने वाले पुनवासी 11 साल पाकिस्तान की जेल में सजा काटने के बाद अपने बहन के घर वापस आया है. मड़िहान ब्लॉक के बहुती गांव में बहन किरन के घर रह रहे पुनवासी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. जिसे देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल उनके घर पहुंचीं. इस दौरान अनुप्रिया पटेल फाउंडेशन की ओर से पुनवासी को कई जोड़े कपड़े, चावल, दाल, आटा देकर मदद किया.

हरसंभव मदद का दिया भरोसा
11 साल बाद अपने घर पहुंचे पुनवासी की न तो आर्थिक हालत ठीक है, न ही मानसिक. पुनवासी पूरी तरह से अस्वस्थ्य है. जिसे देखते हुए देख-रेख के लिए सांसद ने सीएमओ को कॉल किया. सांसद ने सीएमओ डॉ पीडी गुप्ता को फोन कर स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम उनके घर भेजने का निर्देश दिया. सीएमओ ने सोमवार को डॉक्टरों की टीम पुनवासी के घर भेजने को कहा है. इस बीच अनुप्रिया पटेल ने पुनवासी से काफी देर तक बातचीत कर उनकी स्थिति को जानने का प्रयास किया. परिवार के अन्य सदस्यों से भी सांसद ने बात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया.

साल 2009 में भटक कर पाकिस्तान पहुंचा था पुनवासी
पुनवासी जोधपुर राजस्थान के रास्ते भारत की सीमा पार कर 9 मई 2009 को भटककर पाकिस्तान पहुंच गया था. बिना वीजा पाकिस्तान में घुंसने पर नौलखा लाहौर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. तब से पुनवासी पाकिस्तान की जेल में बंद था. पुनवासी के घर का पता नहीं चलने के कारण उसकी वापसी में समय लग रहा था. पुनवासी की वापसी के लिए 5 साल पहले वाराणसी के डीएम को भारत सरकार से एक पत्र आया. इसमें वाराणसी से 40 किलोमीटर दूर पुनवासी के घर का पता लगाने के लिए कहा गया. पता स्पष्ट नहीं होने के चलते पुनवासी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी.

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