मिर्जापुर : अपना दल एस के छानबे विधानसभा के विधायक राहुल प्रकाश कोल की गुरुवार काे मुम्बई के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हाे गई थी. शुक्रवार काे गंगा नदी के चील्ह घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया. बेटे सम्राट सिंह ने मुखाग्नि दी. इससे पहले उनका शव पैतृक आवास कुबरी पटेहरा में रखा गया था. इस दौरान अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल समेत अन्य कई जनप्रतिनिधियाें ने अंतिम दर्शन किए.
मड़िहान के कुबरी पटेहरा गांव के रहने वाले छानबे विधानसभा के विधायक राहुल प्रकाश कोल की 2 फरवरी की सुबह 10.30 बजे इलाज के दौरान मुम्बई के निजी अस्पताल में मौत हो गई थी. विधायक लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. विधायक के निधन की खबर मिलने के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी. उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने शोक संवेदना व्यक्त की. राहुल प्रकाश का पार्थिव शरीर गुरुवार को रात वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. इसके बाद देर रात विधायक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर पहुंचा. शुक्रवार की सुबह से ही उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
कौन थे राहुल प्रकाश कोल :मिर्जापुर जनपद की सुरक्षित सीट छानबे विधानसभा से अपना दल एस पार्टी के विधायक राहुल प्रकाश कोल का जन्म 4 अगस्त 1983 को हुआ था. कक्षा 1 से लेकर 8 तक गांव के ही स्कूल में उन्हाेंने पढ़ाई की थी. हाईस्कूल बापू उपरौध इण्टर कालेज लालगंज से की. इसके बाद इण्टरमीडिएट की पढ़ाई बीएलजे इण्टर कालेज से करने के बाद स्नातक केबी पीजी कालेज से पूरा किया. इसके बाद वाराणसी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. राहुल प्रकाश का विवाह 2006 में रिंकी के साथ हुआ था. उनके पिता राजनीति में थे. उनकी प्रेरणा से वह छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए. अपना दल एस के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव छानबे विधानसभा से लड़े. इसमें भारी अंतर के साथ चुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक चुने गए. वह उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक थे. 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल एस पार्टी के टिकट पर दूसरी बार विधायक बने. चुनाव जीतने के कुछ ही महीने बाद ही राहुल प्रकाश कोल कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो गए. इलाज मुंबई में चल रहा था. वह क्रिकेट खेलने के शौकीन थे. राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ थी.