मिर्जापुर:नमक रोटी प्रकरण में पत्रकार के ऊपर दर्ज मुकदमे को लेकर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि छात्रों को नमक रोटी खिलाना प्रधान के प्रतिनिधि और स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के द्वारा रचित साजिश थी. जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है. इस साजिश में पत्रकार भी शामिल थे तो उन पर भी 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
नमक रोटी मामले में डीएम ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस. गांव में स्कूल के संचालन के लिए एक समिति होती है, जिसमें प्रधान और शिक्षक दोनों मिलकर काम करते हैं. इनका एक संयुक्त खाता भी होता है. प्रधान का काम स्कूल की कमी को पूरा करना है न कि पत्रकार को बुलाकर वीडियो बनाकर वायरल करना है.
पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज-
प्रधान राजकुमार पाल की साजिश के साथ पत्रकार को प्रायोजित खबर में साथ नहीं देना चाहिए. पत्रकार को अखबार के प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें फोटो खींच कर अपने अखबार में छापना चाहिए था न कि वीडियो बनाकर वायरल करना चाहिए. इससे यह साबित होता है कि पत्रकार भी प्रधान की साजिश में शामिल था. इसलिए पत्रकार के ऊपर भी 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
जिलाधिकारी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस-
जिलाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि हमने अधिकारियों की समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद पता चला कि इस मामले में मैनिपुलेशन हुआ है, जो जिले और प्रदेश सरकार को बदनाम करने का है. इस मामल में जो लोग भी शामिल हैं उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई है. मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर अहरौरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इस मामले में मेन भूमिका राजकुमार पाल की थी. इस मैनिपुलेशन में पवन जयसवाल जोकि जनसंदेश टाइम्स के पत्रकार हैं, वह भी शामिल हैं.
इस साजिश में शामिल हुए प्रधान प्रतिनिधि फोन पर बता रहा है कि आप आइए इस मामले को पेपर में न छापिये, बल्कि उसका वीडियो बनाकर वीडियो वायरल करना है. इस मामले में मेन मुलजिम प्रधान प्रतिनिधि है और उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज है. साथ ही इस साजिश में सरकार को बदनाम करने में पवन जयसवाल भी शामिल थे, जिन्होंने वीडियो बनाकर वायरल किया. पत्रकार के खिलाफ भी 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल 22 अगस्त को रोटी नमक खाने के मामले में वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद से ही जनपद से लेकर प्रदेश भर में हड़कंप मचा हुआ था. इसके बाद लगातार जिले से लेकर शासन तक कार्रवाई की गई है. मामले में सबसे पहले प्रभारी शिक्षक मुरारी और एनपीआरसी अरविंद त्रिपाठी पर तत्काल कार्रवाई की गई थी. बीएसए द्वारा इसके बाद शासन से एबीएसए को निलंबित कर दिया गया और बीएसए को स्थानांतरण कर दिया गया था. इसके बाद मामले में दूसरी जांच की गई तो उसमें पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि समेत एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.