मिर्जापुर : देहात कोतवाली पुलिस ने मुकेश उर्फ गोलू पंडित हत्याकांड के मुख्य गवाह की साजिश का पर्दाफाश किया है. हत्याकांड में एक आरोपी को जेल हुई थी. बाद में वह रिहा हो गया था. आरोपी को फिर से जेल भिजवाने के लिए हत्याकांड के मुख्य गवाह ने फिल्मी स्टाइल में अपने साथियों से खुद पर ही गोली चलवाई थी. पुलिस को हमले की जानकारी दी गई थी. पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरा सच सामने आ गया. मामले में दो आरोपियों को जेल भेजा गया है.
16 जुलाई को करवाया था हमला :देहात कोतवाली इलाके में 16 जुलाई को चर्चित मुकेश उर्फ गोलू पंडित हत्याकांड के मुख्य गवाह पर गोली चलने का मामला सामने आया था. पुलिस ने रविवार को इस घटना का खुलासा कर दिया. हत्याकांड के मुख्य गवाह शुभम मिश्रा के पिता ने देहात कोतवाली में 16 जुलाई को तहरीर देकर बताया था कि विपक्षियों ने जान से मारने की नीयत से उनके बेटे पर गोली चला दी. गोली शुभम के बाएं कन्धे में लगी. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. पुलिस एक नामजद और चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुट गई थी. जांच में सामने आया कि शुभम मिश्रा व उसके साथी विकास तिवारी ने अन्य दो के साथ मिलकर साजिश रची थी. शुभम खुद पर गोली चलवा कर विपक्षी को फर्जी मुकदमें में फंसाना चाहता था. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयोग पिस्टल, दो कारतूस, एक खोखा आदि बरामद किया है. दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
पुलिस की जांच में उल्टा पड़ गया दांव :पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने रविवार को पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में मीडिया को बताया कि विकास तिवारी और शुभम मिश्रा द्वारा अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर शुभम मिश्रा के बाएं कन्धे पर गोली लगने का निशान बनाया गया था. इसके बाद शुभम को अकेला छोड़कर सभी वहां से चले गए थे. आरोप लगाया गया था कि पांच लोगों द्वारा जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई, लेकिन जांच में उनका दांव उल्टा पड़ गया. मामले में दो को गिरफ्तार किया गया. मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.