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मिर्जापुर: NRC के बाद NPR पर घमासान शुरू, विपक्ष ने रद्द करने की मांग की - मिर्जापुर में एनआरपी का विरोध

देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर के अपडेट पर केंद्र सरकार की मंजूरी से विवाद छिड़ गया है. विपक्ष एनपीआर को एनआरसी से जोड़कर देख रहा है. सीएए और एनआरसी पर विवाद के बाद अब राजनीतिक हलकों में एनपीआर के फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

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ईटीवी भारत से बातचीत करते विपक्षी नेता.

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Published : Dec 27, 2019, 2:27 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर:नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में विवाद फैल गया है. केंद्र सरकार ने देश भर में निवासियों का डेटाबेस यानी एनपीआर अपडेट करने की मंजूरी दे दी है. विपक्षियों ने एनपीआर पर सवाल उठाते कहा कि एनपीआर एनआरसी का पहला कदम है. सरकार को एनआरसी और सीएए को पहले नहीं लाना चाहिए था. इन दोनों को रद्द करना चाहिए. सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते विपक्षी नेता.

एनआरसी के बाद एनपीआर को लेकर घमासान

  • देश में एनपीआर के अपडेट पर सरकार की मंजूरी से विवाद छिड़ गया है.
  • विपक्ष ने एनपीआर पर सवाल उठाया है.
  • एनआरसी और एनपीआर से सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है.
  • सरकार को एनआरसी और एनपीआर को रद्द करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुरः हड़ताल कर रहे 12 लेखपालों को भेजा गया बर्खास्तगी का नोटिस

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) एनआरसी का पहला कदम है. अगर सरकार एनपीआर को एनआरसी के साथ जोड़ने का कदम पीछे नहीं लेती है तो बीएसपी इसका पुरजोर विरोध करेगी. एनआरसी को एनपीआर के तौर पर लाना सरकार की साजिश है. सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है.
-परवेज खान, बीएसपी नेता

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

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