मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (mirzapur) जिले के ददरा गांव में दूषित पानी पीने से दादी-पोती की मौत हो गई, जबकि पांच लोग बीमार हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. डायरिया फैलने की सूचना मिलने पर आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंच गई. यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब हैंडपंप के पानी की जांच की तो पता चला कि जिस हैंडपंप का पानी लोग पीते हैं, उसमें शौचालय का पानी आ रहा है, जिसको पीने से लोग बीमार पड़े हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में दवा वितरित की है.
दरअसल, मड़िहान तहसील के राजगढ़ इलाके के ददरा गांव निवासी भगेसरा देवी (70) पत्नी प्रभु राम, उनकी पोती आसमा (3 वर्ष) और पुत्र अजय रात में खाना खाकर सोने के लिए जा रहे थे. इसी बीच तीनों को उल्टी-दस्त अचानक शुरू हो गई. तीनों की हालत खराब होने लगी तो परिवार के अन्य सदस्य उन्हें उपचार के लिए राजगढ़ सीएचसी ले जा रहे थे कि रास्ते में भगेसरा देवी व उनकी पोती आसमा की मौत हो गई. वहीं अजय को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी है.
इसी तरह गांव निवासी संगीता, चंद्रावती, हीरावती, लवकुश तथा राजगढ़ निवासी रेखा देवी भी रात में डायरिया की चपेट में आ गईं. इन सभी को भी रात में ही सीएचसी में भर्ती कराया गया है. यहां इलाज के दौरान रेखा देवी की हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें रेफर कर दिया, जबकि इलाज के बाद ठीक होने पर दो लोगों को घर भेज दिया गया. बता दें कि पूरा गांव डायरिया के चपेट में आ चुका है. कई लोग क्षेत्र के निजी चिकित्सालय में भी भर्ती हो इलाज करा रहे हैं.
हैंडपंप में आ रहा शौच का पानी
राजगढ़ इलाके के ददरा गांव में डायरिया फैलने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में जांच के लिए पहुंची. यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब हैंडपंप के पानी की जांच की तो पता चला कि जिस हैंडपंप का पानी लोग पीते हैं, उसमें शौचालय का पानी आ रहा है, जिसको पीने से लोग बीमार पड़े हैं. बताया जा रहा है कि गांव के लोग इसी हैंडपंप का पानी लगातार पी रहे थे. एहतियात के तौर पर स्वस्थ्य विभाग की टीम ने पूरे गांव में लोगों को दवा वितरित की है. ग्रामीणों का आरोप है कि ब्लॉक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते गांव में शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं.
गांव में दवा वितरित करती स्वास्थ्य विभाग की टीम. सोया हुआ है स्वास्थ्य विभाग
राजगढ़ क्षेत्र में दो साल से डायरिया का कहर बरपा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है. बारिश होने से पानी दूषित हो चुका है, लेकिन पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन की दवा तक नहीं डाली गई है. साथ ही ओआरएस भी ग्रामीणों में अभी तक बांटा नहीं गया. इससे स्थिति गंभीर होती जा रही है. रोजाना आधा दर्जन से ज्यादा डायरिया के मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं. गांव में बांटने के लिए सीएचसी में मच्छरदानी आया हुआ है, लेकिन अभी तक गांव में बांटा नहीं गया और मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. राजगढ़ क्षेत्र के 83 ग्राम पंचायतों का हाल स्वास्थ्य विभाग से छुपा नहीं है.
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दूषित पानी पीने से फैला डायरिया
सीएमओ डॉ. पीडी गुप्ता ने बताया कि गांव में एक शौचालय है और उसके बगल में ही एक हैंडपंप लगा हुआ है. किसी कारणवश शौचालय का पानी हैंडपंप से निकलने वाले पानी से मिल गया है. गांव के लोगों ने उसका दूषित पानी पी लिया है, जिसके कारण लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं. दो लोगों की मौत हो चुकी है. दो लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है. वहीं तीन लोगों का इलाज अभी भी चल रहा है. साथ ही विभाग की तरफ से बचाव कार्य किया जा रहा है.