मिर्जापुर:जनपद में गंगा किनारे के तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. गांवों में लोग बाढ़ से बचने के लिए घरेलू सामान और मवेशियों को सुरक्षित करने में जुटे हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने का यही सिलसिला रहा तो मंगलवार तक गंगा खतरे के निशान तक पहुंच जाएगी. सदर तहसील और चुनार तहसील के गंगा किनारे के गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. कई गांव के फसले भी बाढ़ में डूब गई हैं.
मिर्जापुर: खतरे के निशान को छुने की ओर गंगा, गांवों का संपर्क टूटा - ganga river in mirzapur
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में गंगा के बाढ़ का पानी गांवों में आने लगा है. गांवों में लोग बाढ़ से बचने के लिए घरेलू सामान और मवेशियों को सुरक्षित करने में जुटे हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने का यही सिलसिला रहा तो मंगलवार तक गंगा खतरे के निशान तक पहुंच जाएगी.
खतरे के निशान को पार करने की ओर गंगा-
- रविवार से लगातार बढ़ रहा गंगा का पानी अब गांवों में घुसने लगा है.
- गंगा किनारे के गांवों में बाढ़ का आने से ग्रमीण चिंतिंत हैं.
- चील्ह इलाके के हरसिंहपुरा और मल्लेपुर में बाढ़ के पानी से बचने के लिए ग्रामीण सुरक्षित जगह पहुंचाने में जुटे हुए हैं.
- प्रशासन के नाव नहीं चलवाने के कारण ग्रामीण ट्यूब के सहारे खाना पहुंचाने के लिए मजबूर हैं.
- गंगा किनारे मौजूद श्मशान घाट पूरी तरह से डूब चुका है.
- जिले में खतरे का निशान 77.24 मीटर है.
- वर्तमान में गंगा का पानी 76.7 मीटर है जो कि लगातार ढाई से तीन सेंटीमीटर तक हर घंटे बढ़ रहा है.
- आशंका जताई जा रही है कि कल गंगा जिले में खतरे के निशान तक पहुंच सकती हैं.
सदर तहसील में 309 गांव और चुनार तहसील में 184 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं, जो कि जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लिए 37 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर अधिकारियों की टीम को गांव में नजर रखने के लिए बोल दिया गया है. उधर मल्लेपुर, हरसिंहपुर के लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी पहुंचा है, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी मदद करने नहीं आया न तो कोई नाव पहुंचा है. हम लोग अपने सहारे सामान इधर से उधर कर रहे हैं.