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डाक विभाग में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 सदस्य गिरफ्तार - फर्जी मार्कशीट पर डाक विभाग में नौकरी

मिर्जापुर से STF ने फर्जी मार्कशीट पर डाक विभाग में नौकरी दिलाने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

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गैंग के 4 शातिर गिरफ्तार

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Published : Aug 17, 2022, 10:42 PM IST

मिर्जापुर:डाक विभाग में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का STF ने खुलासा किया है. वाराणसी STF ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य कौशांबी के रहने वाले हैं. एसटीएफ के निरीक्षक पुनीत परिहार के अनुसार यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बना चुका है. चारों आरोपियों को जिले के मुख्य डाकघर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

एसटीएफ के निरीक्षक पुनीत परिहार के अनुसार एसटीएफ ने भारतीय डाक विभाग में फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग के सरगना सहित चार सदस्यों को शहर कोतवाली के प्रधान डाकघर से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से दो कार, 23 कूटरचित शैक्षणिक अंक पत्र, छह मोबाइल और 1150 रुपये नकद बरामद हुए हैं. आरोपियों के खिलाफ शहर कोतवाली में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है.

पुनीत परिहार के अनुसार एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि डाकघर में ब्रांच पोस्टमास्टर और असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर के पद पर हाईस्कूल में शैक्षणिक अंक पत्र (मेरिट) के आधार पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. जिसमें नौकरी के नाम पर ठगी की जा रही है. मुखबिर ने सूचना दी कि ठगी करने वाले गैंग के सदस्य मिर्जापुर के प्रधान डाक घर में पहुचने वाले हैं. जिसके बाद एसटीएफ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच कर कार सवार गैंग के सरगना उमेश कुमार, सत्यम सिंह, दीपचंद शर्मा, भवर सिंह को गिरफ्तार किया है. सभी कौशांबी जनपद के रहने वाले हैं.

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एसटीएफ के निरीक्षक पुनीत परिहार ने बताया कि यह गैंग अंतरराज्यीय है. डाक विभाग में मेरिट के आधार पर ऑनलाइन आवेदन मांगा गया था. वर्तमान समय में भर्ती प्रक्रिया चल रही है. डाक में भर्ती के लिए गैंग के सदस्य यूपी के विभिन्न जिलों में अपने नेटवर्क के माध्यम से छात्रों से संपर्क कर आंध्र प्रदेश ओपेन स्कूल सोसाइटी व बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन आंध्र प्रदेश से हाईस्कूल का कूटरचित अधिकतम प्राप्तांक का अंकपत्र बनाकर उपलब्ध करावाते थे. इसके लिए गैंग के सदस्यों द्वारा प्रति छात्र से एक लाख रुपये लिया करते थे. अभ्यर्थी से पैसा लेने के बाद गैंग के सदस्यों द्वारा संबंधित अभ्यर्थियों को स्वयं द्वारा बनाए गए फेक वेबसाइट का लिंक भेजकर बताया गया कि आप अपने अंक पत्र को वेबसाइट पर देख सकते है. यह वेबसाइट आंध्र प्रदेश के एजुकेशन बोर्ड का है. फिलहाल एसटीएफ ने चारों आरोपियों को जेल भेजकर जांच में जुट गयी है.

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