मिर्जापुर: नक्सल प्रभावित इलाके में चल रहा तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ज्ञान का ऐसा अनोखा केंद्र है, जहां पर गरीब आदिवासी लोगों के बच्चों, लड़कियों और विधवा महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देकर शिक्षा की अलख जगाई जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि मारुति सुजुकी गुरुग्राम में जॉब भी मुहैया करा रही है. यह ऐसे बच्चे हैं जिनका बचपन बिना स्कूल के ही बीत जाता था. स्कूल या शिक्षा से दूर तक इनका कोई सरोकार नहीं था. इन बच्चों को शिक्षित कर उनका जीवन संवारने और आत्मनिर्भर बनाने का काम यहां किया जा रहा है.
पिछड़े आदिवासी बच्चों के लिए बना वरदान
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मिर्जापुर-सोनभद्र के मध्य मड़िहान तहसील के पास दादरा पहाड़ी गांव में चलने वाला तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नक्सल प्रभावित इलाके के पिछड़े आदिवासियों लड़कियों और विडो महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह संभव हुआ है पूर्व आईएएस एनपी सिंह की सोच के चलते. जिन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जहां पर बच्चे बचपन में किसी तरह थोड़ी बहुत स्कूल की तो शिक्षा हासिल कर लेते थे, मगर हायर एजुकेशन नहीं कर पाते थे और न ही कोई जॉब करता था. अब इन बच्चों को तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थागत में निशुल्क में शिक्षा दिलवा कर इन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
यहां सभी बैच के लिए अलग-अलग टीचर पढ़ाते हैं. बच्चों का फिंगर अटेंडेंस लगाया जाता है. इस संस्थागत आईटीआई में दो ट्रेड चलता है- फिटर और इलेक्ट्रॉनिक. हर ट्रेड में 40-40 बच्चों का बैच है. सभी को प्रशिक्षण देने के बाद मारुति सुजुकी कंपनी इंटरव्यू और परीक्षा लेता है. फिर इन्हें गुरुग्राम में इंटर्न और नौकरी दी जाती है.