मिर्जापुर :मड़िहान से कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन करने वाले पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी विधान सभा चुनाव नही लड़ेंगे. उनके अभी तक मड़िहान सीट से विधान सभा चुनाव लड़ने की उम्मीद जताई जा रही थी.ट्वीट कर ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और सपा में 18 जनवरी को बैठक में सहमति बनी थी. तृणमूल कांग्रेस यूपी में विधानसभा चुनाव नही लड़ेगी. महागठबंधन के प्रत्याशियों का प्रचार करेंगे और हर संभव मदद करेंगे.
ललितेश पति त्रिपाठी ने फोन पर बात करते हुए कहा फिलहाल स्थिति तो यही है की चुनाव नही लडूंगा. आगे का नही पता है. यूपी में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे कमला पति त्रिपाठी और लोकपति त्रिपाठी परिवार से दशकों बाद पहली बार चुनावी मैदान में कोई नही होगा.
पहली बार ऐसा होगा कि प्रदेश की राजनीति में वाराणसी के औरंगाबाद हाउस की चौथी पीढ़ी ने चुनाव से बाहर रहने का ऐलान कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के खानदान से कोई प्रत्याशी चुनावी रण में हुंकार इस बार नहीं भरेगा. खानदान से सैकड़ों वर्ष का कांग्रेस से नाता तोड़कर कांग्रेस के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी का दामन थामा था. कयास लगाया जा रहा था कि मिर्जापुर के मड़िहान विधानसभा से वह चुनाव लड़ेंगे. लेकिन आज ललितेश पति त्रिपाठी ने टि्वटर के माध्यम से जानकारी दी है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
चार पीढियों से लड़ रहे त्रिपाठी परिवार इस बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने नहीं आ रहे हैं. सपा और ममता बनर्जी के डील के कारण चुनाव लड़ने का समीकरण नहीं बन पाया. मड़िहान सीट से 2012 में ललितेशपति त्रिपाठी कांग्रेस विधायक बने थे.2017 में वह भाजपा के रमाशंकर सिंह पटेल से चुनाव हार गए.अपनी तैयारी ललितेश किये थे चुनाव लड़ना चाहते थे. कहा जा रहा है पटेल बहुल इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव कृष्णा पटेल पर नजर रखे है.लिहाजा हर हाल में जीत के लिए इस सीट पर सपा गठबन्धन में शामिल अपना दल कमेरावादी को देने के जा रही है इसलिए ललितेश पति त्रिपाठी चुनाव से बाहर हो गए.
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कमलापति त्रिपाठी यूपी के मुख्यमंत्री से केंद्र में कैबिनेट मंत्री पद तक पर रहे. कमलापति त्रिपाठी एक राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य रहे. उन्होंने 70 साल के राजनीतिक जीवन के 50 साल संसदीय कार्यों में बिताया है. इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री तक की जिम्मेदारी निभाई.दूसरी पीढ़ी के लोकपति त्रिपाठी प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री रहे.तीसरी पीढ़ी के राजेशपति एमएलसी बने.इनकी मां चंद्रा त्रिपाठी बहू जी चन्दौली से सांसद रही.उनके निधन के बाद राजेश पति एमएलसी रहे. टीएमसी ज्वाइन करने के बाद उन्हें पार्टी में केंद्रीय महासचिव का पद दिया गया है.चौथी पीढ़ी के ललितेशपति त्रिपाठी मड़िहान विधानसभा से विधायक बने. वह पिता राजेश पति त्रिपाठी के साथ ममता बनर्जी के साथ चले गए.
ललितेश पति त्रिपाठी ने शनिवार को ट्विटर के माध्यम से कहा है कि 18 जनवरी को टीएमसी और समाजवादी पार्टी की बैठक हुई थी. बैठक में यह तय हो गया था कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि महागठबंधन के प्रत्याशियों का प्रचार करेगी. ऐसे में पहली बार ऐसा हो रहा है कि त्रिपाठी परिवार चुनाव मैदान में नहीं रहेगा.
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