मिर्जापुर: गिरते भूजल स्तर को देखते हुए पानी की एक-एक बूंद सहेजने के लिए अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है. मिर्जापुर के सभी ब्लॉकों में 'अमृत सरोवर योजना' के तहत तालाब खोदे जा रहे हैं. इन अमृतसरों पर पहली बार 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाएगा. दरअसल, भूजल स्तर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में 75 तालाबों का निर्माण करने का निर्देश दिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत तालाब का निर्माण कराया जा रहा है.
अमृत सरोवर योजना के फायदे गिनाते श्रमिक. मिर्जापुर जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब खोदे जा रहे हैं. सिटी ब्लॉक के अहमलपुर गांव में भी तेजी से कार्य चल रहा है. सभी तालाबों का निर्माण 15 अगस्त 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जहां 20 फीसदी 15 अगस्त 2022 में ही पूरा हो जाएगा. गौरतलब है कि पहली बार गांव के तालाबों पर आजादी मनाई जाएगी.
पानी के संकट को देखते हुए अमृत सरोवर का निर्माण
मिर्जापुर जनपद ज्यादातर पहाड़ियों पर स्थित है इलाका पठारी होने के कारण वाटर लेवल काफी नीचे है. बारिश और ठंड के मौसम में तो पानी की बहुत ज्यादा किल्लत नहीं रहती है. मगर गर्मी के मौसम में वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण नल और कुएं के साथ तालाब सूख जाते हैं, जिसके चलते हैं मिर्जापुर जनपद के हलिया, लालगंज, मड़िहान, राजगढ़, पहाड़ी और पटेहरा ब्लाक जैसे गांव में पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है. पानी के संकट को दूर करने के लिए जनपद में 75 तालाबों का निर्माण एक साथ कराया जा रहा है. इन तालाबों का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. 20 प्रतिशत तालाब का निर्माण इसी साल यानी 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
अमृत सरोवर से भूगर्भ होगा रिचार्ज
पानी की एक बूंद सहेजने के लिए मिर्जापुर जनपद में अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है. केंद्र सरकार के पहल पर अमृत सरोवर योजना के तहत तेजी से गांव में तालाब खोद जा रहे हैं. इन तालाबों का सौंदर्यरीकरण भी किया जाएगा. बरसात का बहने वाला पानी इकट्ठा होगा. इंसानों के साथ पशु पक्षियों की प्यास तो बुझेगी ही साथ ही भूगर्भ भी रिचार्ज हो सकेगा, जिससे वाटर लेवल नीचे नहीं जा पाएगा. वहीं, पानी की उपलब्धता भी बनी रहेगी.
गांव के तालाब वाटर पार्क को को देंगे टक्कर
गांव की तालाबों पर सुंदर छटा के साथ हरियाली नजर आए तो आप चौकिया का नहीं. क्योंकि मिर्जापुर जनपद में अमृत सरोवर के तहत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है. इन अमृत सरोवरों को आकर्षक बनाने के लिए तालाब के भीटा पर गुड़हल, गुलाब, चंपा, कनेर, बेला के साथ औषधीय गुणों से भरपूर पौधे सहजन, आंवला, जामुन, नीम और पीपल के साथ छायादार पौधे लगाए जाएंगे. यही नहीं तालाब की सीढ़ियां, सीमेंट की कुर्सी और टालने के लिए इंटरलॉकिंग का निर्माण भी कराया जाएगा. इसे लेकर काम तेजी से किया जा रहा है.
अहमलपुर गांव के तालाब को किया जा रहा है गहरीकरण
सिटी ब्लॉक के अहमलपुर गांव के तालाब को 'अमृत सरोवर योजना' के तहत गहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. यहां मनरेगा के तहत काम कर रहे ग्रामीण मजदूरों का कहना है कि तालाब की खुदाई की जा रही है. इससे हम गांव वालों का आर्थिक मदद मिल रही है. साथी तालाब बन जाने से वाटर लेवल ऊपर आएगा और पानी तालाब में रहेगा तो पशु पक्षियों को भी कोई दिक्कत नहीं होगी.
ग्राम प्रधान का कहना है कि हमारे गांव के तालाब को 'अमृत सरोवर योजना' के तहत चयन किया गया है. मनरेगा के तहत काम कराया जा रहा है. 15 अगस्त तक इस तालाब का काम पूरा करा लिया जाएगा. तालाब एक सुंदर तालाब होगा. तलाब पर हरे भरे पेड़ रहेंगे साथ ही टहलने और बैठने की भी सुविधा रहेगी.
पहली बार इन तालाबों पर मनाई जाएगी आजादी दिवस
मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि देश 75 वां आजादी अमृत महोत्सव मना रहा है. जल संचयन को लेकर सरकार के निर्देश पर मिर्जापुर जनपद में 75 अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है. इससे मनरेगा श्रमिकों को भी रोजगार मिल रहा है साथ ही इन अमृत सरोवर में पानी इकट्ठा होगा तो वाटर लेवल भी बढ़ेगा. 2023 तक इन तालाबों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है .जिसमें 20 प्रतिशत तालाब 2022 के 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा और 15 अगस्त को इन अमृत सरोवरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा. सही कहा कि आगे भी जनप्रतिनिधियों खासकर प्रधानों को प्रेरित किया जाएगा कि ज्यादा ज्यादा इस तरह का निर्माण कार्य कराएं जिससे वाटर लेवल बना रहे भूगर्भ रिचार्ज होता रहे.
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