चैत्र नवरात्रि के पहले दिन विंध्यवासिनी दरबार में बड़ी संख्या में दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु मिर्जापुर: चैत्र नवरात्रि बुधवार से प्रारंभ हो गई है. मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी दरबार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं का ताता लगना शुरू हो गया था. मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं ने शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया.
हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी महत्व है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. वैसे तो सालभर में कुल चार नवरात्रि आती हैं. लेकिन, इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का काफी महत्व होता है. कहा जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चन करने से भक्तों पर देवी दुर्गा की खास कृपा होती है.
विंध्याचल धाम में दूर-दराज से आए श्रद्धालु हाथों में नारियल, चुनरी लेकर जयकारा लगाते हुए दर्शन को पहुंचे. मां की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं में खूब उत्साह दिखा. विंध्याचल नवरात्रि मेले को सुरक्षा की दृष्टि से दो सुपर जोन, 10 जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है. प्रत्येक सुपर जोन में अपर पुलिस अधीक्षक, जोन में पुलिस उपाधीक्षक और सेक्टर में निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी लगाए गए. गंगा नदी किनारे एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सिविल ड्रेस में भी पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है. इसके साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से भी निगरानी की गई. मेला क्षेत्र में 2000 के करीब पुलिस बल की तैनाती की गई.
मां विंध्यवासिनी दरबार में दिखी भक्तों की भारी भीड़ विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर, मां काली खोह मंदिर और अष्टभुजा मंदिर की देसी और विदेशी फूलों की भव्य सजावट की गई. कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों मंदिरों पर सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार नवरात्रि 9 दिन की है. इस बार नवरात्रि विशेष पर विशेष संयोग भी बन रहा है. मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आईं. गज की सवारी पर होकर प्रस्थान करेंगी. नौका पर आना सुख-समृद्धि का सूचक है. हाथी पर जाने का सूचक है इस बार अधिक वर्षा होगी, जिससे नदी उफान के संकेत होते हैं.
मां विंध्यवासिनी दरबार में दर्शन के लिए लाइनों लगे श्रद्धालु ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन भक्तों को मां को प्रसन्न करने के लिए पीला रंग या लाल रंग का वस्त्र धारण कर मां का पूजन करना चाहिए. मां को गुड़हल और अपराजिता का पुष्प अर्पित करना चाहिए. भोग में मां को गाय के घी से बने पदार्थ को अर्पित करनी चाहिए. मां के भक्तों को पहले दिन बीज मंत्र का जप करना चाहिए.
गौरतलब है कि विंध्याचल धाम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम भी तेजी से चल रहा है. कॉरिडोर के निर्माण से यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या भी हर दिन बढ़ती जा रही है. 9 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी दरबार मे पहुंचेंगे. ऐसी मान्यता है कि जो भी मां विंध्यवासिनी के दरबार में नवरात्रि में आकर दर्शन पूजन करता है, मां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं.
ये भी पढ़ेंःChaitra Navratri 2023 : नाव पर सवार होकर आईं माता रानी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि