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मिर्जापुरः एनएच-7 निर्माण से पहले मुआवजे पर किसान-अधिकारी आमने-सामने - मिर्जापुर किसान आंदोलन

उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के एक हिस्से के किसान पिछले 83 दिनों से आंदोलन पर है. शनिवार को डीएम के साथ बैठक भी असफल रही. किसानों ने एलान किया है कि उचित मुआवजे के बाद ही सड़क निर्माण शुरू होने देंगे. एनएच-7 के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण करनी है.

कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों का प्रदर्शन

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Published : Nov 16, 2019, 2:21 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुरःएनएच-7 (राष्ट्रीय राजमार्ग) हनुमाना बॉर्डर से लेकर वाराणसी टेंगरा मोड़ तक सड़क चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे को लेकर किसान आंदोलन पर हैं. वे पिछले 83 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. जिला अधिकारी ने किसानों के साथ कलेक्ट्रेट के सभागार में शनिवार को बैठक की. लेकिन बैठक में किसानों को निराशा मिली. इससे नाराज किसानों ने परिसर में ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि उचित मांग के बाद ही सड़क निर्माण का काम शुरू होने देंगे.

कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों का प्रदर्शन

किसान 83 दिनों से धरने पर बैठे

मिर्जापुर के राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के चौड़ीकरण और टोल प्लाजा के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. किसान मुआवजे की राशि से असंतुष्ट हैं. वे भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराज सिंह पटेल के नेतृत्व में जमुई सुंदरपुर चुनार में 83 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कई दफा तहसील से जिला स्तर के अधिकारियों से वार्ता हुई लेकिन विवाद सुलझा नहीं.

डीएम के साथ बैठक बेनतीजा

जिला अधिकारी ने किसानों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को भी बैठक की. कई घंटों के बाद असफल बैठक से किसान नाराज दिखे. उन्होंने जिला मुख्यालय पर ही विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तबतक सड़क निर्माण नहीं होने देंगे.

जिला अधिकारी कह रहे हैं कि आर्बिट्रेशन डालिए. उसी से मुआवजा तय होगा. आर्बिट्रेशन में तारीख पर तारीख दी जा रही है. किसानों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार एनएच-7 के किनारे की जमीन का सरकार से निर्धारित आबादी के हिसाब से बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा दिया जाए. यहां भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है. न्यायिक अधिकारी से जांच कराने से मामला साफ हो जाएगा. एसएलओ ऑफिस में बिना पैसा लिए किसानों की फाइल नहीं दिखाई जाती है. इन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
- रामराज सिंह पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय किसान सेना

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

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