मिर्जापुर: प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना आने पर महिलाओं को जहां सुविधा मिलने लगी. वहीं गांव में लोग गोबर को सड़कों या कूड़े में फेंक कर गंदगी फैलाने लगे. सड़कों पर गोबर देख मुकेश और चंद्रमौली ने कमाई का अवसर बना लिया. गोबर फेंक रहे किसानों से संपर्क कर वर्मीकपोस्ट खाद तैयार कर देश के 6 राज्यों के साथ विदेशों तक सप्लाई कर रहे हैं. यह लोग गोबर से सालाना 15 लाख तक कमा रहे हैं.
गोबर बना कमाई का जरिया
गोबर के कंडी पर सालों से खाना बना रही महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस मिल जाने पर गोबर की दुर्गत होने लगी. गोबर को सड़कों पर या कूड़े में फेंकने लगे. इससे स्वच्छता के जगह गंदगी होने लगी. खराब हो रहे गोबर को जिले के सीखड़ ब्लॉक के सीखड़ गांव के रहने वाले मुकेश पांडे वेस्ट टू वेल्थ यानी गोबर से कमाई कर रहे हैं. मुकेश पांडेय किसानों की आय दोगुना करने का काम कर रहे हैं. वैदिक कृषि केंद्र के नाम से स्थापित इस केंद्र पर वर्मीकपोस्ट खाद तैयार करने के लिए 17 लोगों को काम देने के साथ 12 से 15 लाख रुपये सालाना कमाई कर रहे हैं.
जिले के सीखड़ गांव के रहने वाले मुकेश पांडे ने एमबीए की 2009 में ईडीआई अहमदाबाद से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने 7 वर्षों तक नौकरी किया है. YMC मुंबई में स्टेट प्रोग्राम मैनेजर जैसे पदों पर रहकर नौकरी छोड़कर कर चार सालों से बेस्ट टू वेल्थ यानी गोबर से कमाई कर रहे हैं.
वर्मीकम्पोस्ट खाद देश के कई राज्यों के साथ विदेश तक हो रही डिमांड
खेती की जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए कीटनाशक खादों की जगह प्राकृतिक खादों का डालना बहुत जरूरी होता है. बेस्ट हो रहे गोबर को इकट्ठा कर वर्मीकपोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है. इस खाद की मांग देश के 6 राज्यों यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड समाते दिल्ली तक हो रही है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में खाद विदेश तक जा रहा है. साथ ही रियल ग्रीन के तरफ से एक बड़ा ऑर्डर मिला है, जिसके लिए खाद तेजी से तैयार किया जा रहा है.