मिर्जापुर: जिले में किसानों के लिए पहले बारिश ओला वृष्टि ने तबाही मचाई थी और अब कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो रही है. लॉकडाउन का असर व्यापक पैमाने पर किसानों की फसलों की कटाई पर पड़ रहा है. खेतों में पक कर तैयार फसल की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिसके कारण फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है. वाहनों के न चलने से बाहरी मजदूर नहीं आ पा रहे हैं और गांव के श्रमिक भी खेतों में जाने को तैयार नहीं है. यही हालात रहा तो किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे.
किसानों पर दिखाई दे रहा लॉकडाउन का असर
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गेहूं और दलहनी फसलों पर पड़ रहा है. खेतों में पककर तैयार खड़ी फसल की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. इससे फसल खेतों में ही गिर जा रही है, जिससे किसानों का नुकसान हो रहा है.
मिर्जापुर: लॉकडाउन बना किसानों के लिए मुसीबत, तैयार फसल काटने को नहीं मिल रहे मजदूर
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का असर किसानों पर काफी दिखाई दे रहा है. किसानों की फसले खोतों में बर्बाद हो रही है. वहीं इसके पहले भी किसानों को बारिश ओला वृष्टि से काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था.
मसूर, सरसों, अलसी और गेहूं की फसल कटाई न होने से खेत में ही बर्बाद हो रही है. वजह वाहनों के न चलने से बाहरी मजदूर नहीं आ पा रहे हैं और गांव के श्रमिक भी खेतों में जाने को तैयार नहीं है. जिले में कुछ दिन पहले बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की काफी फसल क्षतिग्रस्त हो गयी थी. अब लॉकडाउन के चलते मजदूर नहीं मिलने से परेशानी खड़ी हो गई है.
किसानों पर पड़ी दोहरी मार
किसानों का कहना है, कि उनके पर दोहरी मार पड़ रही है. पहले प्रकृति ने बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि ने तबाही मचाई और अब खड़ी फसल बर्बाद होने के कगार पर हैं. किसानों का कहना है, कि अगर सरकार उन ध्यान नहीं देगी तो वो लोग भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे.