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मिर्जापुर में किसान ने आपदा को अवसर में बदला, जानें कैसे... - farmers benefit from papaya cultivation in mirzapur

यूपी के मिर्जापुर जिले में कोरोना काल में बाहर न निकल कर मनोज कुमार ने खेत में काम करने की मेहनत अब इनकी रंग ला रही है. मनोज सिंह ने जून महीने में 80000 की लागत लगाकर 4 बीघे खेत में पपीते की खेती किए हुए हैं. जिस खेत में से 40 से 50 हजार की इनकम होती थी आज उस खेत से डेढ़ से दो लाख कमाई की उम्मीद है.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Dec 10, 2020, 1:28 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 9:02 PM IST

मिर्जापुर: दुनिया भर में कोरोना वायरस हर किसी को प्रभावित किया है. देश में सरकार ने जब लॉक डाउन लगाया तो लोगों की जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लग गए. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस लॉक डाउन और कोरोना आपदा को अवसर में बदल दिया. मिर्जापुर के सिखड़ ब्लॉक के मनोज कुमार सिंह ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है.

स्पेशल रिपोर्ट.

चार बीघे में शुरू की पपीते की खेती
कोरोना काल में बाहर न निकल कर मनोज कुमार द्वारा खेत में काम करने की मेहनत अब इनकी रंग ला रही है. मनोज सिंह ने जून महीने में 80000 की लागत लगाकर 4 बीघे खेत में पपीते की खेती किए हुए हैं. जिस खेत में से 40 से 50 हजार की इनकम होती थी, आज उस खेत से डेढ़ से दो लाख कमाई की उम्मीद है. जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि इस तरह से जनपद में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग हैं कोरोना काल में बाहर से आकर कृषि को उद्योग के रूप में लेकर काम कर रहे हैं.

जून में लगाया पपीता का पौधा
कोरोना वायरस ने मार्च माह में पूरे देश भर में खलबली मचा दी थी. इसके बाद सरकार को लॉकडाउन की घोषणा करनी पड़ी थी. लॉकडाउन हुआ तो हर कोई घर पर बैठने को मजबूर था. हर किसी ने परिवार के साथ अलग-अलग तरह से समय बिताना शुरू किया. वहीं मिर्जापुर के मनोज कुमार सिंह भी प्रदेश से घर लौट कर आ गए थे. मनोज ने जब घर वालों से बात कर कहा कि जब कोरोना में बाहर नहीं जा सकते तो क्यों न अपने खेत मे काम करे. इसके बाद वह मनोज ने जून महीने में 4 बीघे के खेत में पपीते की खेती करनी शुरू की.

पपीते से लाखों की होगी कमाई
दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो घर में रहकर बिना काम के रहना भला कैसे हो सकती है. कोरोना वायरस में बाहर से आकर घर में बैठे खेती करने के लिए प्रेरित किया फिर शुरू हुआ इनका नया सफर. कोरोना काल में मनोज सिंह ने पुरानी खेती छोड़कर नए तरीके से खेती का मन बनाया. पहले की खेती में जहां 40 से 50 हजार की इनकम होती थी, अब उसी खेत से 6 से 8 लाख कमाने की उम्मीद है. मनोज सिंह पहले मटर और मिर्च की खेती किया करते थे. 18 जून को 80000 की लागत लगाकर 4 बीघे में खेती किए हैं.

उद्यान विभाग किसानों को दे रहा अनुदान
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि मनोज कुमार ने आपदा को अवसर बदलने में कामयाब हुए हैं. मनोज कुमार ने चार बीघे खेती में पपीता की खेती कर रहे हैं.मनोज के खेत में जहां डेढ़ लाख रुपये तक इनकम नहीं होती थी, अब आसानी से पांच से छह लाख तक इनकम कर सकते हैं. उद्यान विभाग सभी किसानों को अनुदान दे रहा है. 23000 प्रति हेक्टेयर किसान को बिल वाउचर जमा करने पर डीबीटी के माध्यम से पेमेंट किया जाता है.

कोरोना ने दी नई सोच
जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि किसानों को अब कृषि नहीं बल्कि कृषि उद्योग के रूप में काम कर रहे हैं. जिले में लगभग डेढ़ सौ ज्यादा लोग घर लौटे हैं और वह आधुकनिक खेती कर रहे हैं. इन लोगों को बाहर में 10 से 15000 रुपये मिलता था, अब इन्हें अपनी खेती अच्छा लाभ मिल रहा है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 9:02 PM IST

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