मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन के क्षेत्र में मिलने वाले अकादमी पुरस्कार की घोषणा हो गयी है. मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को भी 2017 के अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस क्षेत्र में मिलने वाला जिले का यह पहला पुरस्कार है. पुरस्कार चयनित होने के बाद से ही अजीता श्रीवास्तव बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि 35 सालों से इस क्षेत्र में लगी हूं अब जाकर सफलता मिली है.
मिर्जापुर: प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को मिलेगा अकादमी पुरस्कार
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर को पहली बार प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन के क्षेत्र में पुरस्कार मिला है. प्रदेश अकादमी पुरस्कार द्वारा जारी किए गये 2017 के नामों में मिर्जापुर की प्रसिध्द कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. अजीता श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात-चीत कर अपनी खुशी जाहिर की.
सन 80 से मुख्य रूप से रेडियो टेलीविजन मंच से गायन शुरू किया था. मैं एक शिक्षिका हूं, इस नाते मेरा क्षेत्र व्यापक हैं और हमारे लगभग तीन हजार स्टूडेंट हैं. हमें संगीत क्लास लेने का भी मौका मिलता था और लोक विधा के बारे में बच्चों को बताती थी. कॉलेज में जितने कल्चरल प्रोग्राम होते थे, मुझे उसमें भागीदारी मिलती थी. मिर्जापुर में इससे पहले संस्कृत वादन से लेकर लोग विधा गायन के लिए आज तक संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार किसी को नहीं मिला था, ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मिला. मैं सरकार को मैं धन्यवाद दूंगी और कहूंगी कि इस तरह की और लोके विधा हैं उनको भी चयनित किया जाए. आज भी मैं लोग गायन के क्षेत्र में स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दे रही हूं. कई वर्षों से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार की घोषणा नहीं हो रही थी. इस वर्ष घोषणा की गई है, जल्द ही लखनऊ बुलाकर सबको पुरस्कृत किया जाएगा.
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कैसा रहा 35 वर्षों का सफर
प्रसिद्ध कजली गायिका का जन्म वाराणसी जनपद में हुआ था. काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक, गोरखपुर विश्वविद्यालय से B.Ed, प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर कर संगीत में महारत हासिल की है. वर्तमान समय में आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं. अजीता श्रीवास्तव आकाशवाणी वाराणसी के भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका हैं. लखनऊ दूरदर्शन, संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद तथा टी-सीरीज कंपनी में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं.