लखनऊ/मिर्जापुर/चन्दौली/वाराणसी/बलरामपुर:कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच आज यानी मंगलवार से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्र 13 से 21 अप्रैल तक चलेंगे. नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में मां दुर्गा के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े. मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों को दर्शन करने दिए जा रहे हैं.
महंगी हुई पूजा की थाली
लखनऊ में नवरात्र के पहले दिन माता रानी के दरबार भव्य रूप से सजाए गए. भक्त चिनहट स्थित मां के मंदिर में मां के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन कर रहे हैं. यहां मां दुर्गा के अलावा मां काली, मां संतोषी माता की भी प्रतिमाएं हैं. इसके अलावा काल भैरव, शनि देव और गणेश भगवान के दर्शन सुलभ हैं. हालांकि, इस बार नवरात्र में भक्तों को पूजन सामग्री के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. फूल माला से लेकर पूजा सामाग्री के दाम डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं.
मां विंध्यवासिनी मंदिर में भक्त उमड़े
मिर्जापुर के विंध्याचल में कोरोना पर आस्था भारी पड़ रही है. नवरात्र के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल मां विंध्यवासिनी मंदिर में भक्त उमड़ पड़े. आस्था के आगे सभी व्यवस्थाएं और जिला प्रशासन के तमाम दावे फेल नजर आए. लंबी-लंबी लाइनों में लगे श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते रहे. नवरात्र के पहले दिन व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए गोले बनाए थे. इसके अलावा दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को 48 से 72 घंटे पूर्व की कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट (RT PCR) लाने को कहा था. साथ ही मंदिर में एक बार में केवल 5 लोगों को ही दर्शन पूजन करने की अनुमति देने की बात कही थी. जिला प्रशासन के ये सभी दावे भीड़ के आगे फेल नजर आए.
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मां विंध्यवासिनी भक्तों का कर रहीं कल्याण
आदिशक्ति जगदंबा का परम धाम विंध्याचल प्रमुख शक्तिपीठ भी है. मंगलवार को उदया तिथि में वासंती नवरात्र शुरू हो गया है. सुबह 6:00 बजे मां की मंगला आरती के बाद से श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन शुरू कर दिए. मां विंध्यवासिनी के साथ ही मां कालीखोह और मां अष्टभुजा के मंदिर में भी श्रद्धालुओं का सुबह से तांता लगा हुआ है. पहले दिन हिमालय की पुत्री पार्वती अर्थात शैलपुत्री के स्वरूप की पूजन करने का विधान है.