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मिर्जापुर: विटामिन ए की खुराक बढ़ाएगी बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता

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Published : Aug 7, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

यूपी के मिर्जापुर जिले में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गांवों में बाल स्वास्थ्य पोषण माह चलाया जाएगा. इसमें लाखों बच्चों को विटामिन ए की खुराक उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. इसके तहत 9 माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को खुराक पिलाई जाएगी.

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जानकारी देते जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास पीके सिंह

मिर्जापुर:जिले में बाल स्वास्थ्य पोषण मिशन माह की शुरुआत 8 अगस्त से की जा रही है. इसके तहत जिले के 2668 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 9 माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी. इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और बच्चे डायरिया और अन्य बीमारियों से भी लड़ सकेंगे. साथ ही अधिक कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी और उन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पर रेफर कर उनका बेहतर उपचार किया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

विटामिन ए से बढ़ेगी बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता.
9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 8 अगस्त से विटामिन ए की खुराक दी जाएगी. जनपद के सभी 12 ब्लॉकों में 2668 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह खुराक बच्चों को पिलाई जाएगी. इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. इस कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम अपना सहयोग देंगी. 8 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक बाल स्वास्थ्य पोषण माह चलेगा.


बच्चों को विटामिन ए की खुराक के साथ ही कुपोषित बच्चों की पहचान भी की जाएगी. वहीं अति कुपोषित होने पर बच्चों को बेहतर इलाज के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचाया जाएगा. गर्भवती महिलाओं को आयोडीन युक्त भोजन करने का परामर्श देने के साथ जागरूक किया जाएगा. यह कार्यक्रम सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गांव-गांव और घर-घर चलाया जाएगा. कार्यक्रम के तहत करीब तीन लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाए जाने का लक्ष्य है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दी जानकारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) पीके सिंह ने बताया कि 8 अगस्त से बाल स्वास्थ्य पोषण मिशन माह की शुरूआत किया जा रहा है. इसमें 9 माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सके. साथ ही डायरिया और अन्य ऐसी बीमारियों से बचाव किया जा सके. इस दौरान अधिक कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी और अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पर लाया जाएगा. साथ ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भवती महिलाओं को आयोडीन युक्त भोजन करने का परामर्श दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

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