मिर्जापुर: सूबे के उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के हाथों किए गए करोड़ों रुपये के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के शिलान्यास को रात में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर हटा दिया. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत ऊर्जा राज्यमंत्री ने हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से शिलान्यास किया था. इसमें जिला प्रशासन की तरफ से सूचना न दिये जाने से सांसद अनुप्रिया पटेल नाराज हो गईं. सांसद ने जिलधिकारी से पत्र लिखकर जवाब मांगा था. उन्होंने कहा कि यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना चाहिए था. इसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और रातों-रात जिला प्रशासन ने पहुंचकर लगे हुए शिलापट को हटा दिया.
यह है पूरा मामला
दरअसल अदलहाट थाना क्षेत्र के कुकीहीपुर (गोठौरा) गांव में दो सौ करोड़ की लागत से बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयत्र) का शिलान्यास अक्टूबर में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया था. इससे क्षेत्रवासियों को बड़ी खुशी हुई थी. लोग मान रहे थे कि अब उन्हें पानी के लिए नहीं परेशान होना पड़ेगा.
सांसद का दावा- नहीं दी सूचना
पूर्व केंद्रीय मंत्री व मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने पत्र लिखकर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि गोठौरा गांव में 2127 करोड़ के शासन की अतिमहत्वकांक्षी योजना हर ‘घर नल-हर घर जल’ के तहत जल शक्ति मिशन के शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ. इसमें जनपद से किसी भी जन प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया. यहां तक कि किसी भी जन प्रतिनिधि को इसकी सूचना तक नहीं दी गई, जबकि बुंदेलखंड में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि शामिल थे. यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना सुनिश्चित था. इसके बावजूद यह कार्यक्रम किसके आदेशों पर किया गया. इस पर 19 अक्टूबर को जब जवाब मांगा तो जिला प्रशासन ने रात में ही शिलापट को हटा दिया.