सपा के पूर्व ब्लाक प्रमुख जय सिंह बीजेपी में शामलि हुए. मिर्जापुर:समाजवादी पार्टी को छानबे विधानसभा सीट के उपचुनाव और नगर निकाय चुनाव से पहले मिर्जापुर में बड़ा झटका लगा है. सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश सचिव रहे पूर्व ब्लॉक प्रमुख जय सिंह अपने समर्थकों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए. पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के सबसे करीबी माने जाते थे.
मिर्जापुर छानबे सुरक्षित विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. सभी पार्टियों के कार्यकर्ता चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को हलिया विकासखंड के हथेडा गांव में भाजपा प्रभावी मतदाता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी रिंकी कोल के समर्थन में पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया.
इस दौरान सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मंडल अध्यक्ष व प्रदेश सचिव रहे पूर्व ब्लॉक प्रमुख जय सिंह अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. पूर्व ब्लॉक प्रमुख को शिवपाल सिंह यादव का सबसे करीबी माना जाता था. लालगंज हलिया के साथ छानबे ब्लॉक के क्षेत्र में जय सिंह की अच्छी पकड़ है. जय सिंह के आने से बीजेपी अपना दल एस निषाद पार्टी (एनडीए गठबंधन) और मजबूत होगी. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद डबल इंजन की सरकार में विकास की गंगा बहा दी है. पूरे प्रदेश में चौमुखी विकास किया जा रहा है.
अपना दल एस के विधायक राहुल प्रकाश कोल के निधन के बाद छानबे सुरक्षित विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. 10 मई को मतदान के बाद 13 मई को मतगणना कराई जाएगी. जिसको लेकर एनडीए गठबंधन हैट्रिक मारने की फिराक में है. क्योंकि 2017, 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल एस ने जीत दर्ज की थी. उपचुनाव भी अपना दल एस जीतेगी तो हैट्रिक हो जाएगी.
वहीं, विपक्ष में समाजवादी पार्टी की कीर्ति कोल भी 2022 में चुनाव में मैदान में थी. इस बार फिर अखिलेश यादव ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पूर्व मंत्री व मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल सदर विधायक रत्नाकर मिश्रा के साथ बीजेपी अपना दल एस और निषाद पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद थे.
यह भी पढ़ें-डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सपा के लिए जानिए क्यों कहा, 'सूप तो सूप, छलनी क्या बोले जिसमें बहत्तर छेद'