मिर्जापुर: प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी लाभार्थियों का हाल बेहाल है. पहली किस्त मिली तो लोगों ने कच्चा मकान घर गिराकर निर्माण शुरू करा दिया. उनको लगा कि अब पक्का घर रहने को नसीब होगा, लेकिन 6 महीने से दूसरी किस्त न मिलने से लाभार्थी बेघर हो चुके हैं. भीषण ठंड में कोई पर्दा पन्नी लगाकर तो कोई किराए के मकान पर रहने को मजबूर है. लोग ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि लेखपाल के पास जांच पेंडिंग है. कुछ लाभार्थियों के कागज कम लगे हैं, जिनको जांच के लिए भेजा गया है. इसी कारण दूसरी किस्त नहीं पहुंच रही है. जांच पूरी होने पर सभी के खाते में पेमेंट पहुंच जाएगा.
गरीबों के शहरी प्रधानमंत्री आवास लेखपालों के सत्यापन के चक्कर में अटक गई है. सत्यापन न होने के कारण लोगों को दूसरी और अंतिम किस्त खाते में नहीं जा पा रही है. सत्यापन के अभाव में कई लाभार्थी के आवास अभी भी अधूरे पड़े हैं. मिर्जापुर नगर पालिका के पक्का पोखरा इलाके में दूसरी किस्त की आस में लाभार्थी जुगाड़ से बनी छत के नीचे असुरक्षित रहने को विवश है. कोई पर्दा पन्नी लगाकर तो कोई किराए के मकान में रह रहे हैं.
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लाभार्थी कर रहे दूसरी किस्त का इंतजार
योजना का सही प्रकार से संचालन और समय भुगतान न मिलने से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की हवा निकल चुकी है. जिनका कच्चा मकान था तोड़कर नीव और लेंटर पड़वा दिए हैं. अब सर्वे के इंतजार में लाभार्थी दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से कुछ नाम हैं बिंदु देवी, विमला देवी ,श्यामसुंदर, अनीता, रामनाथ, कृष्णावती, शांति, प्रीति हैं, जो दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं.