मिर्जापुर:एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत 17 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले भर में टीबी के रोगियों की तलाश करेंगी. इसके लिए 3500 टीमों का गठन किया गया है. यह अभियान 29 फरवरी तक चलेगा. जनपद के कुल आबादी में से 10% आबादी का घर-घर जाकर सर्वे करेंगे. जिन रोगियों को 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार, बलगम की शिकायत होगी, उनका बलगम लेकर जांच करेंगे. पॉजिटिव पाए जाने पर उनका समुचित इलाज किया जाएगा.
जिले में चलेगा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान. सीएमओ ने दी जानकारीसीएमओ ओ.पी. तिवारी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2025 तक भारत टीबी रोग से मुक्त हो जाना चाहिए. ऐसे में सरकार टीबी रोगियों को ढूंढकर उनका इलाज कराने का अभियान शुरू कर रही है.
एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान
एक्टिव केस फाइंडिंग के तहत स्वास्थ्य विभाग 17 फरवरी से 29 फरवरी तक अभियान चलाकर घर-घर खांसी और बुखार पीड़ित मरीजों की जांच करेगी. टीबी पाए जाने पर तत्काल इलाज शुरू कर दी जाएगी. जनपद मिर्जापुर में भी 17 फरवरी से 29 फरवरी तक कुल आबादी के 10% लोगों के घर-घर जाकर सर्वे करेंगे. 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार या बलगम की शिकायत होने पर उनका बलगम लेकर जांच की जाएगी.
लगाई गईं 3500 टीमें
इसके लिए जनपद में 3500 टीमें लगाई गई हैं, जिसमें आशा वर्कर आंगनबाड़ी हैं. इसके अलावा 120 सुपरवाइजर, 12 सेक्टर सुपरवाइजर साथ ही ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जो प्रभारी हैं, वह इसके नोडल प्रभारी हैं. जिला स्तर पर जिला क्षय रोग अधिकारी इसके नोडल प्रभारी बनाए गए हैं. एक वर्ष में दो चरण यह अभियान चलाया जाता है. पिछले चरण में लगभग 110 टीबी के मरीज खोजे गए थे, जिनको पता नहीं था कि उनको टीबी है. 2018-19 में जनपद में कुल 1700 टीबी मरीज चिन्हित किए गए थे, जिनको 500 रुपये प्रति महीने की दर से लगभग 8.50 लाख रुपये बांटे गए हैं.
पढ़ें-पीएम मोदी कुम्हारों को वितरित करेंगे इलेक्ट्रॉनिक चाक, मिर्जापुर से 65 कुम्हार चयनित