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पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने वाले अपात्रों पर होगी FIR - पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अपात्रों पर कार्रवाई

यूपी के मिर्जापुर जिले में अपात्र होने के बाद भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वालों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर अब तक जिले में 275 अपात्र किसानों को अभी तक चिन्हित किया जा चुका है, जिनमें से 80 किसानों से करीब 5 लाख की वसूली की जा चुकी है.

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले अपात्रों पर कार्रवाई.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले अपात्रों पर कार्रवाई.

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Published : Oct 9, 2020, 7:33 PM IST

मिर्जापुर: जिले मेंपीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे अपात्रों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इसके तहत कृषि विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पैसे वापस कराने की तैयारी कर रहा है. जिले में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 275 अपात्र किसानों को अभी तक चिन्हित किया गया है, जिनमें करीब 80 किसानों से अब तक 5 लाख की वसूली की जा चुकी है. साथ ही अपात्र पाए गए सभी लोगों को पहले नोटिस भेजा जा रहा है और पैसा वापस न देने पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले अपात्रों पर होगी कार्रवाई.
मिर्जापुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत कई अपात्र लोगों द्वारा लाभ लेने का मामला सामने आया है. अपात्र किसानों को कृषि विभाग नोटिस भेज रहा है और उनसे पैसा वापस करने को कह रहा है. ऐसा नहीं करने पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और रुपये की वसूली भी की जाएगी. जिले में अभी तक 275 किसानों को चिन्हित किया गया है, जिसमें 80 किसानों से 4 लाख 96 हजार वसूली कर सरकार के खाते में वापस कराया गया है. वहीं जो किसान अपात्र पाए गए हैं, उन्हें कहा गया है कि वे अपने ब्लाक में बने राजकीय बीज गोदाम पर जाकर चालान भर पैसा जमा करें और इसकी सूचना कृषि विभाग में दें, जिससे उन्हें अपात्र घोषित किया जा सके.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पा रहे किसानों ने बताया कि सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है. मगर कुछ ऐसे लोगों को लाभ मिल रहा है जो कि इस योजना के लिए अपात्र हैं. किसानों का कहना है कि अगर योजना का लाभ केवल पात्र किसानों को मिले तो वे समय से खाद्य बीज और डीजल लेकर खेती कर सकेंगे और साहूकार से ऋण लेने से भी बचे रहेंगे. किसानों का आरोप है कि लेखपालों के मिलीभगत से अपात्रों को लाभ दिया जा रहा है. वहीं अभी भी बहुत किसान है, जिन्हें योजना की आवश्यकता है, जिसका सही लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है.

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