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मिर्जापुर: फर्जी B.Ed डिग्री से नौकरी हथियाने वाले 11 शिक्षक बर्खास्त - मिर्जापुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

यूपी के मिर्जापुर में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे 11 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है. एसआईटी जांच में इन शिक्षकों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात की जानकारी दी.

फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने वाले 11 शिक्षक बर्खास्त.

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Published : Jul 30, 2019, 11:23 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जिले मेंफर्जी B.Ed की डिग्री लगाकर कई साल से नौकरी कर रहे 11 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. सभी फर्जी B.Ed डिग्री आगरा विश्वविद्यालय की लगाई गई थी. एसआईटी जांच में इसका खुलासा हुआ तो बीएसए ने इन शिक्षकों के खिलाफ तुंरत कार्रवाई की.

फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने वाले 11 शिक्षक बर्खास्त.
आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के सहारे काटते रहे मलाईजिले में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से फर्जी B.Ed डिग्री लेकर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया था. जब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच की तो वर्ष 2004-05और वर्ष 2005 -06 के B.Ed की डिग्री में भारी गड़बड़ी मिली. इस दौरान तमाम ऐसे लोग पाए गए जिनकी फर्जी डिग्री इसी विश्वविद्यालय से निर्गत दिखाई गई थी.

मिर्जापुर के 11 शिक्षक भी इनमें शामिल थे. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के सचिव ने वर्ष 2004-05 और वर्ष 2005-06 में B.Ed करने वाले शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने फर्जी शिक्षको के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगते हुए कार्रवाई शुरू कर दी और 11 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी.

बर्खास्त 11 शिक्षकों का नाम इस प्रकार हैं-

  1. सत्य देव कुमार सिंह
  2. मनोरमा सिंह
  3. रामदुलारी देवी
  4. रमाशंकर सिंह
  5. मालती सिंह
  6. उमेश चंद्र सिंह
  7. अर्चना कुशवाहा
  8. ऋतु सिंह
  9. विद्या सिंह
  10. शशिलता सिंह
  11. अर्चना सिंह

फर्जी B.Ed की डिग्री के मामले को संज्ञान में लेते हुए एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर जांच की गई. जांच में दोषी पाए गए 11 शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया. इनमें से एक भी शिक्षक कोई ठोस कागजात या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया. इसके आधार पर बीएड डिग्री को अवैधानिक मानते हुए उनकी सेवा को समाप्त कर दिया गया.
-प्रवीण तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

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