मेरठ के जॉइंट डायरेक्टर अभियोजन ने बताया कि पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के पास अब कौन सा विकल्प मेरठ : हाजी याकूब कुरैशी के राजनीतिक और सियासी सफर काफी दिलचस्प रहा है. बसपा सुप्रीमो मायावती के शासनकाल में मेरठ के बड़े मीट कारोबारी याकूब कुरैशी मंत्री थे. उनका अपना अलग ही तब रुतबा हुआ करता था. करोड़ों की संपत्ति (immense wealth in meerut) के मालिक याकूब कुरैशी का कारोबार उस दौर में काफी फला-फूला. मगर अब याकूब कुरैशी और उसके बेटों का जेल से बाहर आना आसान नजर नहीं है. लीगल एक्सपर्ट का मानना है कि गलत तरीके से अवैध तरीके से मांस का कारोबार करने के आरोपों से घिरे याकूब कुरैशी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है. दोष साबित होने पर उन्हें 10 साल की कैद और जुर्माने की सजा मिल सकती है.
मेरठ के जॉइंट डायरेक्टर अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन) आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि याकूब और उनके लड़के इमरान कुरैशी को शनिवार को 2/3 गैंगस्टर कोर्ट एक्ट के अंतर्गत न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला कारागार भेजा जा चुका है. उनके खिलाफ मीट के अवैध कारोबार के मामले में आईपीसी की धारा 270, 272, 271,120B और 417 के तहत केस दर्ज है. इसमें केस में कुल सात अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज हुआ था. इसके गैंग लीडर पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी बताए गए हैं . 6 अन्य अभियुक्तों में से दो उनके बेटे शामिल हैं.
एक महीने पहले पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी का फरार चल रहे छोटे बेटे फिरोज उर्फ भूरा पुलिस ने पकड़ा था. आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत कम से कम दो साल की जबकि अधिकतम दस वर्ष की कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है. याकूब के खिलाफ आरोप बेहद संगीन हैं. याकूब की फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही थी. बड़े स्तर पर गलत तरीके से मांस का अवैध कारोबार करने के कारण याकूब पर यह मामला दर्ज हुआ है. उन्होंने बताया कि पुलिस के पास सारे साक्ष्य हैं उनके आधार पर सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
याकूब कुरैशी पर दर्ज हैं 16 मामले (case against Yakub Qureshi): मेरठ के संयुक्त निदेशक अभियोजन चंद्रप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस केस में दोनों पक्षों की गवाही के बाद सजा का प्रावधान पूरा होगा. बता दें कि शनिवार को कोर्ट ने याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान को 7.1.2023 से 3.3.2023 तक न्यायिक अभिरक्षा में रखने का आदेश दिया था. चंद्रमणि त्रिपाठी बताते हैं कि जमानत देना या न देना यह न्यायालय के ऊपर निर्भर करता है. उनका मानना है याकूब कुरैशी और उनके परिवार पर बेहद ही आपराधिक इतिहास है. याकूब कुरैशी पर अलग अलग 16 मामले दर्ज हैं जबकि उनके बेटे इमरान पर 9 मामले दर्ज हैं. जमानत की सुनवाई के दौरान वह माननीय न्यायालय के समक्ष पक्ष रखेंगे. वह जमानत का विरोध कर सजा दिलाने के लिए हर कोशिश करेंगे.
एक महीने पहले पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी का फरार चल रहे छोटे बेटे फिरोज उर्फ भूरा पुलिस ने पकड़ा था. पुलिस गाजियाबाद से उसे पकड़कर लाई थी. बता दें कि भूरा भी गैंगस्टर में वांछित था. दिसंबर में पुलिस ने भूरा को गाजियाबाद के एक फ्लैट से पकड़ा था. इस वक्त भूरा भी मेरठ जिला जेल में बंद है. अब मंत्री याकूब सहित उसके 2 बेटे सलाखों के पीछे हैं मेरठ जेल में हैं.
याकूब की कहानी भी फिल्म से कम नहीं : सलाख़ों के पीछे पहुंच चुके पूर्व मंत्री याकूब (Former minister Yakub Qureshi) की कामयाबी का सफर रोचक है. बताया जाता है कि मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करते थे. इतना ही नहीं गुड़ का व्यापार भी याकूब कुरैशी ने किया था. उसके बाद में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया और फिर उसके बाद मीट के कारोबार में आ गए. यहां से ही याकूब कुरैशी की एंट्री फिर राजनीति में हुई और बीएसपी में शामिल होकर चुनाव लड़े जीते और मंत्री भी बने.
याकूब कुरैशी का विवादों से गहरा नाता रहा है :याकूब कुरैशी का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था, जब साल 2006 में उसने डेनमार्क के एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम देने की घोषणा कर दी थी. फरवरी 2011 में याकूब कुरैशी ने मेरठ में हापुड़ अड्डे पर सिपाही चहन सिंह बालियान को गाड़ी को आगे न जाने पर थप्पड़ जड़ दिया था. सिपाही ने इंसाफ के लिए मेरठ से लेकर लखनऊ तक गुहार लगाई थी. मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाजी याकूब कुरैशी के स्वामित्व के एक अस्पताल को कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चलता पाया था, जिसे बाद में सील कर दिया गया . मेरठ के शास्त्री नगर में कुरैशी परिवार के स्वामित्व वाले एक स्कूल को भी बंद कर दिया गया था, क्योंकि मैनेजमेंट के पास किसी भी वैध शिक्षा बोर्ड से मान्यता का प्रमाण नहीं था.
याकूब के नाम पर 32 वाहन और अरबों की संपत्ति मिली : हापुड़ रोड़ पर अल्लीपुर में स्थित पूर्व मंत्री की मीट फैक्ट्री में पांच करोड़ का अवैध मीट 30 मार्च 2021 को पकड़ा गया था, तभी से याकूब सपरिवार फरार थे. बीच में उनकी पत्नी को जमानत जरूर मिल गई थी. 6 महीने पहले याकूब कुरैशी की 125 करोड़ की संपत्ति कुर्क हो चुकी है. कुर्की की इस कार्रवाई में पुलिस को 10 घंटे का वक्त लगा था. याकूब का मीट प्लांट करीब 220 बीघे जमीन में बना है, जिस पर फिलहाल सील लगी हुई है. याकूब कुरैशी के नाम पर 32 वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें ट्रक से लेकर ऑडी कार तक शामिल हैं. पुलिस अबतक याकूब कुरैशी की करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता लगा चुकी है. कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के बाद उसे भी जब्त किया जा सकता है.
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