मेरठ: लोगों की सहूलियत के लिए मेरठ कैंट बोर्ड ने छावनी इलाके में सार्वजनिक जगहों पर कुल 21 वाटर एटीएम लगाए थे. इन वाटर एटीएम को लगाने में करीब सवा करोड़ रुपयों का खर्च आया था. इतनी रकम खर्च किए जाने के बाद भी मेरठ कैंट बोर्ड इन वाटर एटीएम का रख-रखाव करने में सक्षम नहीं है. इसके चलते इन वाटर एटीएम में एक बूंद पानी नहीं है. इतना ही नहीं सभी वॉटर एटीएम कबाड़ की शक्ल में तब्दील हो चुके हैं.
बता दें कि मेरठ छावनी इलाके में 8 वार्ड हैं. करीब पांच साल पहले इन सभी वार्डों में कैंटोनमेंट बोर्ड की तरफ से लोगों के लिए शीतल पेयजल के इंतजाम में वाटर एटीएम लगाए गए थे. ये वाटर एटीएम डिपो रोड चौराहा, लालकुर्ती थाना, बेगमपुल, लालकुर्ती घोसी मोहल्ला, सदर शिव चौक, दास मोटर्स, गांधी बाग, रजबन, बाबा औघड़नाथ मंदिर के पास समेत कुल 21 जगहों पर लगे थे. इन वाटर एटीएम के जरिए केवल 1 रुपये में 1 लीटर ठंडा पानी लिया जा सकता था.
इसी तरह अलग-अलग मात्रा में पानी लेने के लिए अलग-अलग निर्धारित धनराशि चुकानी होती है. इसके लिए स्मार्ट कार्ड की भी सुविधा लागू की गई थी. कैंट बोर्ड ऑफिस में कार्ड रिचार्ज करवाकर कार्ड के जरिए पानी लेने की व्यवस्था थी. लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में पाया गया कि अब ये वाटर एटीएम कबाड़ हो चुके हैं और अब इनमें पानी उपलब्ध नहीं है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि तपती गर्मी में कैंट एरिया से निकलते समय कहीं भी पेयजल की व्यवस्था नहीं है. वो कहते हैं कि वाटर एटीएम लगाने के बाद कुछ दिन तक वाटर एटीएम ठीक चले, बाद में सब कुछ बंद हो गया. लालकुर्ती के रहने वाले युवक विक्रांत ने बताया कि कैंट एरिया में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का दावा सिर्फ हवा हवाई है. यहां वाटर एटीएम ही नहीं, पानी का कोई इंतजाम नहीं है.