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UP PCS Result 2022 : पापा ने चाय बेचकर पढ़ाया, शिखा भी PCS क्रैक कर बनी अफसर बिटिया

UP PCS Result 2023 के रिजल्ट के बाद कई ऐसे टैलेंट सामने आए, जिन्होंने आर्थिक तंगी और तकलीफों के बावजूद सफलता पाई. ये सफल युवा अब PCS अफसर बनकर राज्य के लोगों की सेवा करेंगे. ऐसी कहानी यूपी के मेरठ में रहने वाली शिखा शर्मा की है...

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Published : Apr 8, 2023, 10:53 PM IST

चाय वाले की बिटिया बनी अफसर.

मेरठ : UP PCS Result 2022 के नतीजे ने कई घरों को खुशिय़ों से भर दिया. शुक्रवार को कई ऐसे युवाओं के सपने पूरे हुए, जिन्होंने आर्थिक दिक्कत के बावजूद अपनी UP PCS की तैयारी जारी रखी. ऐसा ही नाम है मेरठ की शिखा शर्मा का, जिनके पिता शंकर दत्त शर्मा चाय बेचकर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं. शंकर दत्त शर्मा का परिवार 16 गज के एक छोटे से मकान में रहता है. उसी घर की निचली मंजिल में चाय की दुकान है, जबकि ऊपरी मंजिल पर उनका पूरा परिवार रहता है.

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपी पीसीएस 2022 का रिजल्ट घोषित हुआ. मेरठ जिले की शिखा शर्मा ने पीसीएस परीक्षा में सफलता पाकर अपने परिवार का मान बढ़ाया है. शिखा के पीसीएस परीक्षा में चयन होने की खबर जैसे ही परिवार को हुई, सभी खुशी के झूम उठे. मेरठ शहर के ट्रांसपोर्टनगर थाना क्षेत्र की चन्द्रलोक कॉलोनी में शंकरदत्त शर्मा और पुष्पा शर्मा सपरिवार रहते हैं. शिखा के पिता शंकरदत्त वहीं घर में ही चाय की दुकान चलाते हैं. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है.

चाय की दुकान चलाते शिखा के पिता.

पापा से सबको पिलाई चाय, मुंह भी मीठा कराया :शनिवार को शंकरदत्त शर्मा के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. शिखा के पिता अपनी बेटी की कामयाबी से इतने खुश और भावुक थे कि उन्होंने सभी परिचितों के साथ राहगीरों का मुंह भी मीठा कराया. सभी को चाय भी मुफ्त में पिलाई. परिजनों का कहना है कि ईश्वर की कृपा और शिखा की मेहनत से यह कामयाबी मिली है. इस मौके पर शंकरदत्त उस दिन को भी नहीं भूले, जब उनके पास शिखा के लिए एंड्रायड फोन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे.

शंकरदत्त ने बताया कि कोरोना काल में उनकी बेटी ने ऑनलाइन स्टडी के लिए एंड्रॉयड मोबाइल फोन की मांग की थी. तब बड़ी मुश्किल से बेटी के लिए मोबाइल फोन का इंतजाम किया था. बेटी की सफलता के गदगद पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें यह बताने में कोई संकोच नहीं है कि वह हाईस्कूल फेल हैं, लेकिन उनकी बिटिया ने अफसर बिटिया बनकर यह सिद्ध कर दिया है कि भले ही सीमित संसाधन क्यों न हों लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. उनकी बेटी ने नाम रोशन किया है.

कमजोर पड़ी तो मम्मी-पापा ने दिया हौसला : शिखा ने बताया कि उन्होंने मेरठ के महावीर शिक्षा सदन से उन्होंने हाईस्कूल की. वीके माहेश्वरी कन्या इंटर कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई की. शहर के डीएन कॉलेज से बीएससी की. उसके बाद फिर मॉडर्न हिस्ट्री में मेरठ कॉलेज से एमए किया. अपनी तैयारियों पर चर्चा करते हुए शिखा शर्मा ने बताया कि उन्होंने शहर के अमात्य इंस्टीट्यूट से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. उनके गुरु राजेश भारती और ऋतु भारती ने उनका उचित मार्गदर्शन किया. हालांकि एक वक्त ऐसा भी आया कि निरंतर अभ्यास के बाद भी लगने लगा था कि उन्हें शायद सफलता नहीं मिलेगी. ऐसे हालात में पिता और मां ने हौसला दिया. सफलता का टिप्स देते हुए शिखा ने बताया कि कितने भी उतार चढ़ाव क्यों न आएं, लेकिन हमें बीच रास्ते से वापस नहीं होना चाहिए.

शनिवार देर शाम तक शंकरदत्त शर्मा के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. शिखा के पिता का कहना है कि वह सभी माता पिता से यही कहेंगे कि अपनी बेटियों को कुछ करने का मौका दें. बेटियां हमारा गौरव हैं.

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